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कांदरबेड़ा में अस्थि विसर्जन स्थल स्थापित करने का विरोध

जमशेदपुर : पातकाेम दिशोम देश परगना रामेश्वर बेसरा ने कहा कि किसी सामाजिक संगठन या व्यक्ति को आदिवासी संताल समाज का तुपुनाई घाट (अस्थी विसर्जन स्थल) धार्मिक स्थल शुभारंभ करने का कोई अधिकार नहीं है. यह सामाजिक मामला है. तुपुनाई घाट कहां और कैसे बनेगा, यह समाज ही तय करेगा, इसलिए 30 जून को कांदरबेड़ा […]

जमशेदपुर : पातकाेम दिशोम देश परगना रामेश्वर बेसरा ने कहा कि किसी सामाजिक संगठन या व्यक्ति को आदिवासी संताल समाज का तुपुनाई घाट (अस्थी विसर्जन स्थल) धार्मिक स्थल शुभारंभ करने का कोई अधिकार नहीं है. यह सामाजिक मामला है. तुपुनाई घाट कहां और कैसे बनेगा, यह समाज ही तय करेगा, इसलिए 30 जून को कांदरबेड़ा में तुपुनाई घाट की स्थापना नहीं किया जाये, अन्यथा परगना महाल की ओर से विरोध का सामना करना पड़ेगा.

यह बातें गुरुवार को देश परगना बाबा ने चांडिल डैम के पास आयोजित बैठक में कही. इस बैठक में माझी परगना महाल पातकोम दिशोम समेत सिंञ दिशोम, कुचुंग दिशाेम व धाड़ दिशोम माझी परगना महाल के प्रमुख पहुंचे थे. श्री बेसरा ने कहा कि हूल दिवस के उपलक्ष्य में गुरु गोमके पंडित रघुनाथ मुर्मू की प्रतिमा का अनावरण करना भी समझ से परे है.
हूल दिवस पर केवल सिद्दो-कान्हू को स्मरण किया जाना चाहिए. इतिहास को तोड़-मरोड़ करने का प्रयास नहीं होना चाहिए. इसके पीछे किसी तरह की साजिश को संताल समाज कभी बरदाश्त नहीं करेगा. बैठक में श्यामल मार्डी, माझी बाबा दुर्गाचरण मुर्मू, राज मार्डी, बबलू मुर्मू, नवीन मुर्मू, सुखराम टुडू, श्यामचंद किस्कू, सुशील मुर्मू, हराधन मार्डी, बुधेश्वर किस्कू, सूरज मुर्मू, जागरण मुर्मू समेत अन्य मौजूद थे.

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