प्रणव ने बताया कि सोमवार को बोन मेरो कलेक्शन के दौरान भतीजी के बैक बोन में सुई (निडल) टूट कर रह गयी तथा उनके भाई पोवित्र कुमार महापात्रा (मरीज के पिता) से एक कागज पर हस्ताक्षर भी करा लिया गया.
इस बात की जानकारी मिलने पर वह टीएमएच पहुंचे. वे परिजनों के साथ आर्थोपेडिक विभाग के एचओडी डॉ रावत के पास गये अौर मामले की जानकारी दी. डॉ रावत ने कहा कि सूई टूटने से कुछ नहीं होगा, उसे रहने दें. जब उन्होंने यह बात लिखित में देने को कहा कि सूई वहीं रहने से भविष्य में कोई खतरा नहीं होगा, तो डॉ रावत ने कहा कि मेडिकल में ऐसा नहीं होता है.
इसके बाद प्रणव ने अोपीडी में जाकर डॉ लायक को मामले की जानकारी दी. उन्होंने एक दिन का समय देते हुए उसे देखने को कहा. प्रणव कुमार महापात्रा ने बताया कि उन्होंने संबंधित डॉक्टरों को इसकी जानकारी दी, लेकिन कुछ खास रिस्पॉन्स नहीं मिला. बच्ची उसके बाद से छटपटा रही है. प्रणव ने बताया कि बच्ची टीएमएच के वार्ड 3 बी में भर्ती है. इस मामले में टीएमएच का पक्ष उपलब्ध नहीं हो सका.