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Jamshedpur : मानगो बनेगा नया अंचल, 2.58 लाख लोगों को होगा फायदा

जमशेदपुर : नेतरहाट में हुई कैबिनेट की बैठक में गोलमुरी सह जुगसलाई अंचल को दो भाग में बांट कर मानगो को नया अंचल बनाने की मंजूरी दे दी गयी है.एनएच के किनारे की पंचायत के लोग कई सालों से मानगो में नया अंचल बनाने की मांग कर रहे थे. मानगो अंचल में छह हल्का मानगो, […]

जमशेदपुर : नेतरहाट में हुई कैबिनेट की बैठक में गोलमुरी सह जुगसलाई अंचल को दो भाग में बांट कर मानगो को नया अंचल बनाने की मंजूरी दे दी गयी है.एनएच के किनारे की पंचायत के लोग कई सालों से मानगो में नया अंचल बनाने की मांग कर रहे थे. मानगो अंचल में छह हल्का मानगो, डिमना, बालीगुमा, भिलाई पहाड़ी, नारगा अौर इंदूर माटी तथा जमशेदपुर अंचल में आठ हल्का करनडीह, घाघीडीह, छोटा गोविंदपुर, कीताडीह, घोड़ाबांधा, कदमा अौर साकची समेत आठ हल्का रहेंगे. मानगो नया अंचल बनने से 2,58,300 लोगों को लाभ मिलेगा, जबकि जमशेदपुर अंचल में 9,89,150 आबादी रहेगी.

बालीगुमा में रहेगा मानगो अंचल का कार्यालय. मानगो अंचल कार्यालय बालीगुमा में बनेगा. अंचल कार्यालय सह अंचल कर्मियों के आवास के लिए ढाई एकड़ जमीन चिह्नित की गयी है. 1.70 करोड़ की लागत से अंचल कार्यालय अौर कर्मचारियों का आवास का निर्माण करने की तैयारी है.
प्रखंड बनने का भी होगा रास्ता खुला. मानगो नया अंचल बनने की कैबिनेट से मुहर लगने के बाद मानगो में नया प्रखंड बनने का रास्ता खुल गया है. जिले में अधिकांश स्थानों पर प्रखंड सह अंचल मुख्यालय एक ही स्थान पर है. जिले में जमशेदपुर सबसे बड़ा प्रखंड है, जिसके अंतर्गत 55 पंचायत है.
कौन-कौन क्षेत्र रहेंगे मानगो अंचल में
पूरा मानगो, पारडीह, डिमना रोड, कालाझोर, शील पहाड़ी, छोटाबांकी, पलासबनी, बेताकोचा, सिमलडांगा, एदेलबेड़ा, जगन्नाथपुर, भिलाई पहाड़ी, देवघर, पोखारी, तुरियाबेड़ा, कमलाबेड़ा, पिपला, बड़ाबांकी, कस्तुलिया, कुदलुंग, भागाबांध, बेको, गुरमा, पड़ासीडुंगरी, काशीडीह, गोलकाटा, बढ़ारडीह, बेलाजुड़ी, हीराचुनी, धनिया, सालबनी, मदनाबेड़ा, मलियंता, नारगा, ईटामारा, भुरसागुट्टू, बुकुई कनाली, गोविंदपुर, झाटी पहाड़ी, बनामगुट्टू, हाड़गाडीह, सुकलाड़ा, रुहीडीह, डालापानी, इंदूरमाटी, डोवापानी, कड़िया, दलदली, सिरका.
मानगो को नया अंचल बनाने की मंजूरी क्षेत्र के लोगों के लिए खुशी की बात है. एनएच किनारे के लोगों को किसी काम के लिए 35 से 40 किमी दूरी तय कर करनडीह जाना पड़ता था, जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. एनएच किनारे के क्षेत्र के लोग 15 वर्षोंं से मानगो नया अंचल बनाने की मांग कर रहे थे.
पिंटू दत्ता, जिला परिषद सदस्य
मानगो क्षेत्र में अंचल बनाने की मांग बहुत पुरानी है. एनएच-33 क्षेत्र के पंचायतों के लिए करनडीह स्थित अंचल कार्यालय काफी दूर पड़ता है. हम सबों को 30 किमी दूर बस बदल कर जाना पड़ता है. अंचल या प्रखंड में काम पड़ने पर पूरा दिन बर्बाद हो जाता है. वहां जाकर कोई पदाधिकारी व कर्मचारी नहीं मिले, तो काफी दिक्कत होती थी.
जमुना सिंह, मुखिया, बड़ाबांकी पंचायत
हमारे बेलाजुड़ी पंचायत से करनडीह अंचल कार्यालय की दूरी 40 किमी के आसपास है. अंचल कार्यालय जाने व आने में ही तीन घंटे का समय लगता है. अंचल या प्रखंड में काम पड़ने पर दिन भर का समय निकालना पड़ता है. इससे घर का दूसरा कोई काम नहीं हो पाता है. आम जनता के लिए इतना दूर जाना संभव नहीं था.
स्नेहलता सिंह, मुखिया, बेलाजुड़ी
एनएच किनारे के लोगों को 35 से 40 किमी की दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी
एनएच 33 के किनारे के ग्रामीणों को जमीन संबंधी किसी भी कार्य के लिए 35 से 40 किलोमीटर की दूरी तय कर जमशेदपुर अंचल जाना पड़ता था. आवागमन का कोई सीधा मार्ग नहीं होने के कारण क्षेत्र के लोगों को किसी कार्य के लिए बस बदल-बदल कर जाना पड़ता था. गालूडीह सीमा के जमशेदपुर अंचल के पंचायतों के लोगों को इससे ज्यादा दूरी तय करनी पड़ती थी. इसे देखते हुए कई वर्षों से एनएच किनारे के पंचायतों को मिला कर अलग अंचल बनाने की मांग ग्रामीण कर रहे थे. ग्रामीणों की मांग पर पिपला में अंचल का काउंटर खोला गया था, ताकि ग्रामीणों को करनडीह नहीं जाना पड़े. वहीं दूसरी अोर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को मानगो नया अंचल बनाने का प्रस्ताव भेजा गया था. इस प्रस्ताव पर बुधवार को कैबिनेट की मुहर लग गयी अौर नया अंचल सृजन/गठन की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी.

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