900 वर्ग फीट में जगह छोड़ देने से बिल्डिंग के लिए जगह ही नहीं बचने की स्थिति
Advertisement
जमशेदपुर के लिए अलग बिल्डिंग बाइलॉज लागू हो
900 वर्ग फीट में जगह छोड़ देने से बिल्डिंग के लिए जगह ही नहीं बचने की स्थिति जमशेदपुर : राज्य सरकार की ओर से लागू किये गये नये बिल्डिंग बाइलॉज को लेकर टाटा लीज एरिया में संकट की स्थिति है. टाटा स्टील ने सरकार से नये बिल्डिंग बाइलॉज को जमशेदपुर में लागू नहीं करने तथा […]
जमशेदपुर : राज्य सरकार की ओर से लागू किये गये नये बिल्डिंग बाइलॉज को लेकर टाटा लीज एरिया में संकट की स्थिति है. टाटा स्टील ने सरकार से नये बिल्डिंग बाइलॉज को जमशेदपुर में लागू नहीं करने तथा जमशेदपुर के लिए अलग से बिल्डिंग बाइलॉज बनाने का आग्रह किया है. इसको लेकर राज्य सरकार के प्रधान सचिव, नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव और उपायुक्त को पत्र भेजा गया है. पत्र में कहा है कि गुजरात, दिल्ली समेत अनेक प्रदेशों में एक कॉमन बाइलॉज के साथ ही कई शहरों की जरूरत और हालात के अनुसार बिल्डिंग बाइलॉज तय किये गये हैं. वर्तमान में सरकार की अोर से सेट बैक (बिल्डिंग के आसपास के एरिया को खाली छोड़ने का स्थान) छोड़ने को कहा गया है.
टाटा लीज एरिया में वर्तमान में 90 फीसदी मकान या जमीन सबलीज पर अधिकतम 900 वर्ग फीट का ही एलॉटमेंट किया गया है. जो बिल्डिंग का प्लॉट एलॉट किया गया है, उसमें बड़ी गली व रास्ता छोड़ा गया है. चूंकि, नये बाइलॉज में सेट बैक हवा, पानी और धूप के लिए छोड़ने का प्रावधान सरकार ने तय किया है जबकि पहले से ही (टाटा लीज एरिया में) यहां एली छोड़ा गया है और 900 वर्ग फीट की ही जमीन है. अगर इतने कम में सरकार के प्रावधान को लागू किया जायेगा तो बिल्डिंग के लिए जमीन ही नहीं बच पायेगी.
रुके हुए हैं कई विकास कार्य. जमशेदपुर अक्षेस और टाटा स्टील के नक्शा पारित करने के नये बाइलॉज और पुराने के चक्कर में कई सारे विकास के काम रुके हुए हैं. कई नक्शे को रोक दिया गया है. इस कारण अब इस मामले को राज्य सरकार के पास भेज दिया गया है.
झारखंड के नये बाइलॉज से जमशेदपुर में विकास कार्य बाधित होने की आशंका
वर्तमान में 2007 के बिल्डिंग बाइलॉज से पारित कर रहा है टाटा स्टील नक्शा. वर्तमान में टाटा स्टील का लैंड डिपार्टमेंट राज्य सरकार द्वारा 2007 में लागू किये गये बिल्डिंग बाइलॉज को ही मानकर नक्शा पारित कर रहा है. नये नियम के तहत जमीन के 20 फीसदी दोनों ओर से रास्ता छोड़ा जाना है. अगर अधिकतम 900 वर्गफीट का जमीन है और उस पर 20-20 फीट जमीन का हिस्सा छोड़कर कोई बिल्डिंग बनायेगा तो दो रूम भी नहीं बन पायेगा. यही वजह है कि पुराने नियम से ही नक्शा पारित हो रहा है.
जमशेदपुर अक्षेस देख रहा है 2016 का बाइलॉज. टाटा लीज एरिया में जमशेदपुर अक्षेस के पास नक्शा जमा होता है. इसको पारित करने के पहले टाटा स्टील के पास भेजा जाता है. टाटा स्टील के बाद फिर से जमशेदपुर अक्षेस अपना अंतिम मुहर लगाता है. टाटा लीज के जमीन पर टाटा स्टील 2007 के बाइलॉज के मुताबिक, नक्शा पारित कर देता है. लेकिन जब टाटा स्टील से जमशेदपुर अक्षेस के पास मामला जाता है तो यह 2016 के बाइलॉज के पैमाने पर कसा जाता है, जिस कारण नक्शा को पारित नहीं किया जाता है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement