जमशेदपुर : टाटा लीज के सबलीज की जमीन पर मकान या दुकान या फिर किसी तरह के अचल संपत्ति की खरीद या बिक्री या रजिस्ट्री नहीं की जा सकती है. पूर्व में लगाये गये रोक के आलोक में रजिस्ट्री विभाग की ओर से सरकार के स्तर पर करीब तीन बार बैठक हुई है. इसमें इसका रास्ता नहीं निकल पाया कि कैसे जमीन या मकान की रजिस्ट्री हो सकती है. सरकार ने स्पष्ट किया कि कोई गाइडलाइन सरकारी जमीन की लीज पर सबलीज करने या उसकी परिसंपत्ति की रजिस्ट्री हो सकती है या नहीं.
सबलीज की रजिस्ट्री को खोलने का कोई पक्षधर नहीं है. ऐसे में इसका कोई प्रावधान तय नहीं हो सकता है. एकाउंटेंट जनरल एजी ने टाटा लीज एरिया में मकानों और फ्लैटों की खरीद-बिक्री पर आपत्ति जतायी थी. एकाउंटेंट जनरल का मानना है कि जो जमीन का मालिक ही नहीं है, वह कैसे किसी जमीन पर बने भवन को बेच सकता है. लीज से सबलीज पर जमीन दी गयी है और सबलीजी उसको फिर से भाड़े पर या सबलीज कर सकता है, उसको बेच नहीं सकता है,
क्योंकि उस भवन, मकान या कोई भी स्ट्रक्चर का मालिकाना हक उसका नहीं हो सकता है. इसी को आधार बनाकर बैंक भी लीज एरिया के निर्माण पर फाइनेंस नहीं करता है. एजी की आपत्ति के बाद राज्य सरकार और रजिस्ट्री विभाग नया फार्मूला बनाने की तैयारी में थी, लेकिन कोई फार्मूला तय नहीं किया गया. सरकार के स्तर पर कोई नया फार्मूला लागू नहीं होगा. इससे पहले जो लीज एरिया में खरीद-बिक्री हो चुकी है, उस पर क्या किया जाना है, इस पर मंथन चल रहा है. इसे लेकर टाटा स्टील के साथ भी कई दौर की बातचीत हो चुकी है.