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विश्व बैंक टीम ने देखा योजनाओं का हाल

मुख्य सचिव व विभागीय सचिव के साथ आज होगी रांची में बैठक अप्रैल 2015 में 237 करोड़ रुपये की बागबेड़ा-छोटा गोविंदपुर ग्रामीण जलापूर्ति योजना का हुआ था शिलान्यास अप्रैल 2017 तक पूरा होना था काम जमशेदपुर : विश्व बैंक पोषित बागबेड़ा अौर छोटा गोविंदपुर ग्रामीण जलापूर्ति की जमीनी हकीकत जानने के उद्देश्य से सोमवार को […]

मुख्य सचिव व विभागीय सचिव के साथ आज होगी रांची में बैठक

अप्रैल 2015 में 237 करोड़ रुपये की बागबेड़ा-छोटा गोविंदपुर ग्रामीण जलापूर्ति योजना का हुआ था शिलान्यास
अप्रैल 2017 तक पूरा होना था काम
जमशेदपुर : विश्व बैंक पोषित बागबेड़ा अौर छोटा गोविंदपुर ग्रामीण जलापूर्ति की जमीनी हकीकत जानने के उद्देश्य से सोमवार को विश्व बैंक की तीन टीमों ने अलग-अलग निरीक्षण किया. टीम का नेतृत्व विश्व बैंक के प्रोजेक्ट हेड श्याम केसी ने किया. सुबह दस से शाम पांच बजे तक टीम ने निर्माणाधीन प्रोजेक्ट पर जाकर जायजा लिया. उन इलाकों के ग्रामीणों को प्रोजेक्ट की जानकारी दी और उनका फीडबैक लिया. टीम ने प्रोजेक्ट देरी होने के कारणों को नोट किया.
साथ ही सरकार के स्तर पर लंबित एनओसी की जानकारी मुख्य सचिव व विभागीय सचिव को देने, प्रोजेक्ट को जल्द चालू करने की बात कही. इससे पूर्व प्रोजेक्ट हेड श्याम केसी ने आदित्यपुर स्थित डीपीएमयू कार्यालय में दोनों जलापूर्ति योजनाओं की कागजी जानकारी ली. वस्तुस्थिति की जानकारी लेने फील्ड का देर शाम निरीक्षण के बाद टीम रांची लौट गयी.
ये काम अभी हैं बाकी
इनटेकवेल का निर्माण स्थल जाने के लिए वन विभाग से एनओसी नहीं मिला
रेलवे की 33 बस्तियों में 23 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाने का रेलवे से एनओसी
पहली टीम. इसमें विश्व बैंक प्रोजेक्ट के हेड श्याम केसी के साथ अधीक्षण अभियंता राजेंद्र प्रसाद, आइएलएफएफएस एजेंसी के पदाधिकारी शामिल थे. टीम ने छोटा गोविंदपुर जलापूर्ति का मुआयना किया. यहां लुआबासा में 95 फीसदी बनकर तैयार वाटर टीटमेंट प्लांट, जलमीनार का निरीक्षण किया. इसके अलावा छोटा गोविंदपुर में बिछायी गयी पाइप लाइन का भी मुआयना किया. इस योजना में 23 पंचायत के 127 गांवों में पांच जलमीनार के माध्यम से घर-घर जलापूर्ति के लिए 93 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन, हुडको पहाड़ी में वाटर टीटमेंट प्लांट, हुडको से लुआबासा तक इंटकबेल 19 किलोमीटर राइजर पाइप बिछाया जाना है.
दूसरी टीम. इस टीम में विश्व बैंक के पदाधिकारी ऋषिकेश, डीपीएमयू के सत्येंद्र मिश्रा व अन्य शामिल थे. टीम बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति के लिए इनटेकवेल बनाने के लिए दोमुहानी अप स्ट्रीम पर गयी. इसके अलावा आदित्यपुर स्थित वार्ड नंबर 1 सापड़ा में नदी किनारे उस स्थल पर गयी, जहां वन विभाग ने गेट लगा दिया है. इससे निपटने के लिए डीएफओ व डीसी के स्तर पर समस्या का समाधान निकालने के प्रयास की भी जानकारी दी गयी. बागबेड़ा जलापूर्ति योजना से 21 पंचायत के 113 गांवों में पांच जलमीनार के माध्यम से जलापूर्ति के लिए 80 किमी लंबी पाइप बिछाना है. जबकि गिद्दी झोपड़ी में फिल्टर ट्रीटमेंट प्लांट, दोमुहानी से गिद्दीझोपड़ी के इंटकबेल 18 किमी राइजर पाइप बिछाया जाना है.
तीसरी टीम. इसमें विश्व बैंक की एजेंसी के पाटिल, जी वेंकटेश, पीएचइडी जमशेदपुर के कार्यपालक अभियंता शिशिर सोरेन व अन्य पदाधिकारी शामिल थे. टीम गिद्दीझोपड़ी में बागबेड़ा जलापूर्ति के बन रही निर्माणाधीन वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, जलमीनार व अन्य का जायजा लिया. यह टीम बागबेड़ा के सिदो-कान्हू मैदान अौर घाघीडीह जेल के समीप बन रहे जलमीनार, गणेशनगर, ग्वालापट्टी व अन्य इलाकों पाइपलाइन बिछाने के साथ रेलवे क्षेत्र में एनओसी के चक्कर में 33 बस्तियों में करीब 23 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाना रुके होने की जानकारी ली. यहां ग्रामीणों ने रेलवे बस्ती में चयन के बाद पाइप लाइन नहीं बिछाने, रोड काटने के बाद महीनों से रोड ठीक नहीं करने आदि पर नाराजगी जतायी.

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