अवधि और एमजीबी से आगे बढ़ी बात, अब एलाउंस और डीए पर वार्ता, इंक्रीमेंट 3% बनाये रखने पर सहमति
जमशेदपुर : टाटा स्टील के वेज रिवीजन समझौता को लेकर मंगलवार को करीब दो राउंड में चार घंटे तक वार्ता हुई. इस वार्ता के पहले चरण में अध्यक्ष पीएन सिंह और महामंत्री बीके ¨डडा की बातचीत कंपनी के वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी के साथ हुई.
वहीं दूसरे राउंड में इन तीनों के साथ डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव चौधरी टुन्नु भी शामिल हो गये. लगातार चली वार्ता रात करीब आठ बजे खत्म हुई. सूत्रों के मुताबिक, बैठक के दौरान मैनेजमेंट ने साफ कर दिया कि समय और मिनिमम गारंटीड बेनीफिट (एमजीबी) की आपसी तारतम्यता है, जिस कारण अगर अवधि एनजेसीएस की तर्ज पर पांच साल होगी, तो एमजीबी 17 फीसदी से कम दिया जायेगा.
एनजेसीएस में पांच साल का समझौता हुआ है और 17 फीसदी एमजीबी दिया गया है. चूंकि, मामला छह साल और 18 फीसदी तक पहुंच चुका है, इस कारण इसको अभी साइड कर दिया गया है.
यह तय हो चुका है कि कर्मचारियों का जो सालाना इंक्रीमेंट होगा, वह पूर्ववत ही रहेगा और तीन फीसदी हर साल वेतनमान में बढ़ोत्तरी होगी. कंपनी सूत्रों के मुताबिक, इंक्रीमेंट की राशि 3 फीसदी ही रखी जायेगी, यह सहमति बन चुकी है, जिसमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं होगा.
कुछ ग्रेड में अलग इंक्रीमेंट की मांग यूनियन की ओर से उठायी गयी थी, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया. वहीं, अवधि और एमजीबी को अलग कर एलाउंस पर बातचीत चल रही है. यूनियन सूत्रों के मुताबिक, एलाउंस को लेकर मैनेजमेंट की ओर से अलग से प्रस्ताव दिया गया है. इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए मैनेजमेंट का दबाव है.
बताया जाता है कि कई एलाउंस को कम करने का प्रस्ताव दिया गया है, जिस पर यूनियन ने अपनी असहमति जता दी है. इस पर अब फिर से अगली बैठक में बातचीत होगी. डीए (महंगाई भत्ता) में कटौती का प्रस्ताव यूनियन को मैनेजमेंट ने दिया था, लेकिन इसको यूनियन ने इंकार कर दिया है. हालांकि, मैनेजमेंट का दबाव अब भी है कि एनएस ग्रेड की तर्ज पर कर्मचारियों का डीए तय कर दिया जाये, जिसे यूनियन ने मानने से इनकार कर दिया है.