यूनियन का दावा है कि फार्मूले के तहत कर्मचारियों को नेट प्रोफिट से 51.66 करोड़ रुपये, प्रोफिटेबिलिटी के रूप में न्यूनतम 34 करोड़, उत्पादकता पर 65 करोड़ व सेफ्टी पर अगर पांच करोड़ रुपये मिलते हैं तो यह आकड़ा 155 करोड़ से ऊपर हो जाता है, जो 160 से 165 करोड़ रुपये तक जा सकता है.
टीबीइएम और प्रधानमंत्री ट्राॅफी की राशि भी इसमें जोड़ी जा सकती है, जिससे यह आंकड़ा और बढ़ भी सकता है. वैसे यूनियन का दावा है कि आंकड़े उनके पक्ष में नहीं है और करीब 150 करोड़ रुपये की बोनस मद में मिल सकते है. गौरतलब है कि पिछले साल टाटा स्टील में 130 करोड़ रुपये बोनस बंटा था.