जिला भू अर्जन कार्यालय, जिला पंचायती राज विभाग, सहकारिता विभाग, सांख्यिकी विभाग, ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल, जिला परिवहन विभाग, खनन विभाग अौर उत्पाद विभाग के कार्यालय तथा आबकारी थाना की स्थिति इतनी जर्जर हो चुकी है कि इन कार्यालयों की मरम्मत या नये भवन का निर्माण शीघ्र नहीं किया गया, तो इन सरकारी कार्यालय में कभी भी हादसा हो सकता है. जर्जर हो चुके इन सरकारी कार्यालयों में एक-दो को छोड़ कर किसी की मरम्मत की कोई योजना तैयार नहीं हुई है अौर कर्मचारी रोजाना जान जोखिम में डाल कर काम करने को विवश हैं. प्रस्तुत है विभिन्न सरकारी भवनों पर एक रिपोर्ट. -प्रस्तुति : मनीष सिन्हा
Advertisement
जर्जर हो चुके हैं सरकारी कार्यालय, हादसे को आमंत्रण
कार्यालय में एक अोर पदाधिकारी-कर्मचारी जान जोखिम में डाल कर काम करते हैं, वहीं उचित रख-रखाव के अभाव अौर बारिश के पानी के कारण संबंधित विभाग के महत्वपूर्ण कागजात भी नष्ट हो रहे हैं. बारिश होने की स्थिति में कई कार्यालयों में पानी भर जाता है . प्लास्टर झड़ कर गिरना इन कार्यालयों में आम […]
कार्यालय में एक अोर पदाधिकारी-कर्मचारी जान जोखिम में डाल कर काम करते हैं, वहीं उचित रख-रखाव के अभाव अौर बारिश के पानी के कारण संबंधित विभाग के महत्वपूर्ण कागजात भी नष्ट हो रहे हैं. बारिश होने की स्थिति में कई कार्यालयों में पानी भर जाता है . प्लास्टर झड़ कर गिरना इन कार्यालयों में आम बात हो गयी है. एक अोर राज्य सरकार स्तर से करोड़ों रुपये की लागत से कई भव्य सरकारी भवन बनाये जा रहे हैं, वहीं करोड़ों रुपये का राजस्व देने वाले विभाग के कार्यालय बदतर स्थिति में हैं.
खनन विभाग कार्यालय
जान जोखिम में डाल कर काम करते हैं कर्मचारी
6584.49 लाख सलाना राजस्व देने वाला खनन विभाग का कार्यालय पीडब्ल्यूडी भवन निर्माण विभाग के जर्जर भवन में चलता है. भवन जर्जर होने के कारण कार्यालय में जब-तब प्लास्टर गिरता रहता है अौर कर्मचारियों की जान आफत में रहती है. बारिश के दिनों में छत से पानी चूता है, जिसके कारण वहां रखी महत्वपूर्ण फाइल बर्बाद हो रही है. इस कार्यालय में रोजाना जान जोखिम में डाल कर 10 कर्मचारी काम करते हैं. साथ ही यहां का वायरिंग काफी पुराना है, जो सड़ चुका है, जिसके कारण कभी भी हादसा हो सकता है. जिला खनन पदाधिकारी ने पिछले दिनों उपायुक्त को पत्र लिख कर बरसात को देखते हुए कार्यालय अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने की मांग की थी.
परिवहन कार्यालय
फाइलों के ढेर के बीच बैठ काम करने को विवश कर्मचारी
एक साल में 7654. 92 लाख राजस्व देने वाला जिला परिवहन विभाग का कार्यालय पुराना अौर जर्जर हो चुकी है. कार्यालय में 16 स्थायी अौर संविदाकर्मी, कंप्यूटर अॉपरेटर काम करते हैं. पुराना भवन होने के कारण इस कार्यालय में जगह का काफी अभाव है अौर काफी तंग स्थिति में कर्मचारी फाइलों के बीच बैठते हैं. दो मंजिला परिवहन कार्यालय बनाने के लिए कई वर्षों से प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. पूर्व में परिवहन कार्यालय बनाने के लिए 56 लाख रुपये मिले थे, जिसे भवन निर्माण विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया था, लेकिन विलंब होने तथा डिजाइन के आधार पर भवन बनाने में राशि बढ़ कर 86 लाख हो गयी अौर भवन निर्माण की योजना पुन: प्राकलन में फंस कर रह गयी है.
जिला भू-अर्जन विभाग
135 करोड़ बांटने वाले विभाग का कार्यालय बदहाल
जिला भू-अर्जन विभाग ने एनएच 33 एवं एनएच 6 के चौड़ीकरण के लिए अब तक 135 करोड़ रुपये मुआवजा के रूप में वितरित कर दिया है, लेकिन विभाग का कार्यालय बदहाल स्थिति में है. पुराना कोर्ट परिसर स्थित पुराने भवन के कोने में जिला भू अर्जन कार्यालय चलता है. इसमें एक कमरा बड़ा बाबू एवं अन्य कर्मचारियों के लिए है तथा पीछे की अोर एक कमरा जिला भू अर्जन पदाधिकारी का कार्यालय है. उसके बगल में कंप्यूटर कक्ष है. कर्मचारियों के बैठने का कमरा काफी छोटा है अौर दिन में भी अंधेरे की स्थिति रहती है. इस कक्ष में जमीन संबंधी दस्तावेज पड़े हुए हैं. एक ही कमरे में अलमीरा, कागजात के बीच टेबुल-कुर्सी लगा कर छह कर्मचारी बैठते हैं. मुआवजा राशि लेने के लिए इस कार्यालय में बड़ी संख्या में रैयती योजना कागजात जांच के लिए आते हैं, लेकिन उनके कमरे में रहने की जगह तक नहीं है. बारी के इंतजार में सुदूर गांव से आये रैयतों को बाहर बरामदे में इंतजार करना पड़ता अौर उनके बैठने का स्थान भी नहीं है. जिला भू अर्जन पदाधिकारी का कार्यालय भी बदहाल स्थिति में है. कार्यालय की अंदरूनी स्थिति तो साफ-सुथरी है, लेकिन पीछे कचरे का अंबार लगे रहने के कारण बदबू अौर मच्छड़ का प्रकोप कार्यालय तक पहुंचते रहता है. दीवार पुरानी होने के कारण ज्यादा बारिश होने पर रिसाव होकर पानी जिला भू अर्जन पदाधिकारी के कार्यालय में घुटने भर जमा हो जाता है. पुराना भवन होने अौर कई वर्षों से मरम्मत नहीं होने के कारण जिला भू अर्जन कार्यालय के साथ-साथ आसपास की दीवार, प्लास्टर छड़ चुके हैं.
पंचायती राज कार्यालय
तंग कमरों में चलता है जिला पंचायती राज कार्यालय
एक अोर सरकार द्वारा पंचायतों को सशक्त बनाया जा रहा है अौर सभी विभागों का काम पंचायत के अधीन किया जा रहा है, लेकिन जिले की पंचायती राज व्यवस्था की मॉनिटरिंग करने वाले जिला पंचायती राज पदाधिकारी का कार्यालय तंगहाल है. पुराना कोर्ट परिसर में स्थित पुराने जर्जर भवन में जिला पंचायती राज कार्यालय चलता है. एक कमरे में बड़ा बाबू समेत पांच कर्मचारियों व कंप्यूटर अॉपरेटर के बैठने की व्यवस्था है. उस कमरे में पंचायत से संबंधित रिकार्ड, कागजात व अलमीरा भी रखे हुए हैं. सभी पंचायतों का डाटा रखने के लिए एक कंप्यूटर अॉपरेटर के बैठने की व्यवस्था भी उसी कमरे के कोने में है. पुराने भवन में कक्ष होने के कारण कार्यालय में दिन में भी अंधेरा रहता है. उसी से सट कर जिला पंचायती राज पदाधिकारी का कार्यालय है. कार्यालय के एक भाग को पंचायती राज पदाधिकारी के बैठने का स्थान अौर कर्मचारियों, पंचायत प्रतिनिधियों व प्रखंड के पंचायती पदाधिकारियों के साथ बैठक करने की व्यवस्था है अौर उसी कमरे के एक हिस्से को घेर कर फोटो कॉपी-प्रिंटर का स्थाना बनाया गया है. पंचायतों में सर्वे, पंचायतों के विकास के लिए चलायी जा रही योजना, 231 पंचायतों के प्रतिनिधियों का ब्योरा समेत सभी तरह के रिकार्ड, डाटा संधारण के लिए विभाग में मात्र एक कंप्यूटर अॉपरेटर है. भवन पुराना होने के कारण बरामदा से लेकर छज्जा तक जर्जर हो चुका है.
उत्पाद विभाग
जर्जर क्वार्टर में चलता है कार्यालय व थाना
एक साल में 12115. 90 लाख अौर प्रतिमाह 4. 15 करोड़ रुपये देने वाला उत्पाद विभाग का थाना अौर सहायक उत्पाद आयुक्त का कार्यालय क्वार्टर में चलता है अौर इसका अपना भवन नहीं है. उत्पाद (आबकारी) थाना कभी किसी पदाधिकारी का क्वार्टर था, जिसमें थाना चलाना शुरू किया गया अौर अब तक वह थाना के रूप में चल रहा है. थाना के एक हिस्से को हाजत बना कर रखा गया है जो जर्जर है. हाजत के बाथरूम सह शौचालय का बुरा हाल है. गार्ड रूम का भी बुरा हाल है अौर वहां तैनात जवानों को सोने के लिए सही संख्या में बेड तक नहीं है. यहां 10 होमगार्ड जवान व उत्पाद विभाग के पदाधिकारी, पुलिसकर्मी रहते हैं. इसी तरह उत्पाद विभाग का कार्यालय भी जर्जर भवन में चलता है. यह कार्यालय क्वार्टर में चलता है. बताया जाता है कि पूर्व में एक सहायक उत्पाद आयुक्त को यह आवास आवंटित हुआ था, लेकिन उनका अपना आवास होने के कारण यहां कार्यालय चलाने लगे, जिसके बाद से यह कार्यालय बन गया है. इसके छत के प्लास्टर झड़ चुके हैं. यहां सहायक उत्पाद आयुक्त, पांच क्लर्क, दो इंस्पेक्टर, चार सब इंस्पेक्टर अौर चार सिपाही बैठते हैं. इंस्पेक्टरों के बैठने के स्थान में पानी का रिसाव होता है. कार्यालय के शौचालय का बुरा हाल है अौर उसके छत पर झाड़ी उग आये हैं. फाइल-कागजात के रख-रखाव की कोई उचित व्यवस्था नहीं है. विभाग को एक मात्र गाड़ी सूमो मिला हुआ है, जो काफी पुराना व जर्जर हो चुका है.
कार्यालयों की मरम्मत या बनाने का प्रस्ताव नहीं : सुनील
भवन निर्माण के कार्यापालक अभियंता सुनील कुमार के अनुसार इन सरकारी कार्यालयों की मरम्मत या निर्माण का कोई प्रस्ताव विभाग को नहीं मिला है, जिसके कारण इसके फिलहाल बनाने का की कोई योजना नहीं है. प्रस्ताव मिलने पर इसके मरम्मत या बनाने पर विचार किया जायेगा.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement