अपराधिक और सांप्रदायिक दृष्टिकोण से मानगो थाना क्षेत्र को काफी संवेदनशील माना जाता है. जिसकी जानकारी जिला से लेकर राज्य के सभी बड़े अधिकारियों को है. लेकिन इसके बाद भी छोटी-छोटी घटना होने पर पुलिस बेबस हो जाती है, क्योंकि फोर्स की संख्या कम रहने के कारण सीसीआर या फिर पुलिस लाइन से बुलाना होता है.
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किराये के जर्जर भवन में चल रहा है थाना
जमशेदपुर: वैसे तो सरकार पुलिस और थाना को स्मार्ट बनाने की बात करती है. साथ ही पुलिसकर्मी को आधुनिक हथियार से लैस करने का दावा कर रही है, लेकिन मानगो थाना सरकार के खोखले दावा की असलियत को उजागर कर रही है. थाना बने कई वर्ष बीत जाने के बाद भी थाना का अभी तक […]
जमशेदपुर: वैसे तो सरकार पुलिस और थाना को स्मार्ट बनाने की बात करती है. साथ ही पुलिसकर्मी को आधुनिक हथियार से लैस करने का दावा कर रही है, लेकिन मानगो थाना सरकार के खोखले दावा की असलियत को उजागर कर रही है. थाना बने कई वर्ष बीत जाने के बाद भी थाना का अभी तक अपना भवन नहीं है. किराया पर जो भवन है भी, वह भी पूरी तरह से जर्जर है. थाना भवन की हालत ऐसी है कि कभी यह ड्यूटी कर रहे जवानों पर गिर सकती है.
शुरुआत में एक छोटे से कमरा में मेज रख कर मानगो थाना शुरू किया गया था, लेकिन अब तक इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है. जान जोखिम में डाल कर ड्यूटी करते हैं जवान : मानगो थाना में तैनात पुलिसकर्मी जान जोखिम में डाल कर ड्यूटी कर रहे हैं. जर्जर हो चुके थाना भवन की देख-रेख भी पुलिसकर्मी खुद करते हैं. हालात ऐसे हैं कि कभी कभार छत का प्लास्टर भी टूट कर गिर जाता है. पूर्व में प्लास्टर गिरने से एक सिपाही भी घायल हो चुका है.
शौचालय और सड़क पर फैला कबाड़. मानगो थाना भवन में जगह कम होने की वजह से शौचालय और सड़क पर कबाड़ रखा गया है. शौचालय की स्थिति इतनी खराब है कि कोई पुलिसकर्मी उसमें शौचालय नहीं जाते हैं. इसके अलावा शौचलय के दीवार पर पेड़-पौधे भी उग गये हैं. जिसे देखने वाला कोई नहीं है. वहीं जवानों को सोने के लिए एक छोटा कमरा दिया गया है. जिसमें मालखाना का भी सामान रखा हुआ है. इतना ही नहीं थाना में आने वाले लोगों की गाड़ियों को खड़ी करने के लिए पार्किंग की भी व्यवस्था नहीं है. ऐसे में सड़क पर ही गाड़ियों को खड़ी करनी पड़ती है.
आने वाले लाेगों के बैठने की जगह नहीं
मानगो थाना में स्वागत कक्ष के नाम पर केवल दो कुर्सी खुले में लगी हुई है. साथ ही फरियाद लेकर आने वाले लोगों को बैठाने के लिए थाना में कोई जगह नहीं है. तत्कालिन एसएसपी एवी होमकर से सभी थाना में स्वागत कक्ष बनाने का आदेश जारी किये थे. जिससे कई थाना में स्वागत कक्ष बना, लेकिन थानों में आज भी स्थिति ज्यों का त्यों है. ऐसे में फरियादियों को सड़क पर खड़ा होकर इंतजार करना पड़ता है.
फाइल और दीवार चाट रहे दीमक
थाना भवन के दीवार में दीमक लग गयी है. जिसके कारण दीवार पर बने लकड़ी के रेक पर रखी फाइलों को भी दीमक चाट रहे हैं. कई फाइल तो दीमक लगने के कारण बेकार हो चुके हैं. साथ ही दीमक के कारण छत भी पूरी तरह से कमजाेर हो गया है. वहीं बरसात के समय में पूरे थाना भवन में पानी भर जाता है. जिसे बाद में जवान खुद साफ करते हैं.
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