जमशेदपुर : आयुष के पापा उठ जाइये ना, क्यों चुपचाप सोये है. कब से आपको उठाया जा रहा है. हम मां-बेटा को छोड़ कर काहे चुपचाप सोये हुए है, उठ जाइये ना. अगर आप हमलोगों को छोड़ कर चले जाइयेगा तो हम लोग कैसे रहेंगे. आप ऐसा नहीं कर सकते. सूरज की पत्नी रुबी साह अपने पति के शव के सामने बैठ कर बार-बार यह शब्द दोहरा रही थी.
सोनाहातु के राहे ओपी में रविवार को इंसास रायफल साफ करने के दौरान गोली लगने से जवान सूरज कुमार साह की मौत हो गयी थी. उनका शव सोमवार को बागबेड़ा बजरंग टेकरी स्थित उनके आवास पर पहुंचा. शव को देखकर पत्नी इतने सदमे में थी कि उनके आंसू नहीं निकल रहे थे. परिजन उन्हें रुलाने का प्रयास कर रहे थे ताकि वह सदमे से बाहर निकल सके. सूरज की शव यात्रा निकलते ही अचानक रुबी जोर-जोर से रोने लगी. वह शव के पीछे दौड़ गयी. परिवार के लोग उन्हें संभालकर भीतर ले गये. रुबी अपने पुत्र आयुष को पकड़ रो रही थी. सूरज की मां और सास भी दहाड़ मारकर रो रही थी. उनके रुदन से बस्ती का पूरा माहौल गमगीन हो गया.
घर पर नहीं पहुंचा कोई पुलिसकर्मी. जवान सूरज कुमार साह की शवयात्रा में एक भी पुलिस पदाधिकारी व जवान नहीं शामिल हुए. स्थानीय थाना से भी कोई पुलिसकर्मी उनके घर नहीं पहुंचा. परिवार के लोगों ने बताया कि रविवार को रांची से टीएमएच तक शव लेकर आने के दौरान पुलिस के जवान साथ में थे, लेकिन आज कोई भी पुलिस पदाधिकारी अौर जवान आवास पर नहीं आया.
शव देखकर पिता व भाई फफक पड़े. सूरज का शव टीएमएच से सुबह 10.30 बजे बागबेड़ा बजरंग टेकरी आवास पर लाया गया. शव देखकर पिता व भाई के साथ परिजन व बस्ती के लोगों की आंखों में आंसू आ गये. किसी तरह उन्हें शांत कराया गया. शव के आते ही बड़ी संख्या में बस्ती के लोग सूरज के अंतिम दर्शन को पहुंचे थे. इसके बाद सूरज की अंतिम यात्रा निकाली गयी. शव का अंतिम संस्कार पार्वती घाट पर किया गया.