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हजारीबाग में तस्दीक शिविर 8 महीने से ठप, कागजात अटके… रैयत परेशान, बंदोबस्त विभाग पर उठ रहे सवाल

Jharkhand Settlement Department: हजारीबाग जिले के चुरचू और बड़कागांव प्रखंड में तस्दीक शिविर पिछले आठ महीने से बंद है, जिससे रैयतों की कागजात में सुधार और खाता-खतियान अपडेट का काम ठप हो गया है. पदाधिकारियों की कमी और आपसी खींचतान से शिविर मार्च 2025 से स्थगित है. ग्रामीणों को प्रतिदिन बंदोबस्त कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है. प्रशासन ने जल्द शिविर शुरू करने की प्रक्रिया तेज करने की बात कही है.

Jharkhand Settlement Department, हजारीबाग, (आरिफ) : हजारीबाग जिले के चुरचू और बड़कागांव (उत्तरी-दक्षिणी) प्रखंड में तस्दीक शिविर पिछले आठ महीने से बंद पड़ा है. मार्च 2025 से ठप पड़े इस शिविर के कारण दोनों क्षेत्रों के बड़ी संख्या में रैयतों की समस्या बढ़ गयी है. कागजात दुरुस्ती का काम रुक गया है, जिससे ग्रामीण प्रतिदिन हजारीबाग बंदोबस्त कार्यालय का चक्कर लगाने को मजबूर हैं.

बंडा पर्चा मिला, लेकिन बुझारत अटका

बंदोबस्त विभाग द्वारा पहले रैयतों को बंडा पर्चा वितरण किया गया था. इसके बाद नियम के अनुसार बुझारत कार्य यानी कागजात में सुधार और सत्यापन का काम तस्दीक शिविर के माध्यम से होना था. शिविर के बंद रहने से यह कार्य अधूरा है और जब तक यह पूरा नहीं होगा, रैयतों को खाता-खतियान उपलब्ध नहीं कराया जा सकता.

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पदाधिकारियों की खींचतान और कमी बनी बाधा

शिविर बंद होने पर कई सवाल उठ रहे हैं. सूत्र बताते हैं कि बंदोबस्त कार्यालय के कुछ पदाधिकारियों के बीच खींचतान और आपसी विवाद की वजह से दोनों प्रखंडों में शिविर बंद कर दिया गया था. वहीं, उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडलीय आयुक्त के हस्तक्षेप के बाद पदाधिकारी की कमी को आधार बनाते हुए मार्च 2025 में शिविर स्थगित कर दिया गया था.

रैयतों के कागजात अटके, बढ़ी परेशानी

तस्दीक शिविर बंद होने से ग्रामीणों का कागजी काम रूका हुआ है. रैयतों का कहना है कि एक-एक दस्तावेज दुरुस्त करवाने के लिए उन्हें कई-कई बार कार्यालय जाना पड़ता है. शिविर चालू रहने पर यह काम स्थानीय स्तर पर ही पूरा हो जाता.

शिविर जल्द चालू करने की प्रक्रिया तेज : लिपिक

बंदोबस्त कार्यालय के निम्नवर्गीय लिपिक राजेश कुमार ने बताया कि चुरचू और बड़कागांव (उत्तरी-दक्षिणी) प्रखंड में तस्दीक शिविर फिर से शुरू करने की प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने कहा कि शिविर स्थगित करने का कारण बंदोबस्त पदाधिकारी की अनुपस्थिति को बताया गया था. अब मामले को पुनः सक्रिय करने की तैयारी हो रही है.

पदाधिकारी की कमी से रुका काम, जल्द होगी समीक्षा : एएसओ

सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी (मुख्यालय) विजय महतो ने भी स्वीकार किया कि पदाधिकारी की कमी के कारण तस्दीक शिविर रोका गया था. उन्होंने कहा कि मामला उनके संज्ञान में है और जल्द ही निचले स्तर के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर शिविर शुरू करने पर निर्णय लिया जाएगा.

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Sameer Oraon
Sameer Oraon
इंटरनेशनल स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मीडिया से बीबीए मीडिया में ग्रेजुएट होने के बाद साल 2019 में भारतीय जनसंचार संस्थान दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा किया. 5 साल से अधिक समय से प्रभात खबर में डिजिटल पत्रकार के रूप में कार्यरत हूं. इससे पहले डेली हंट में भी बतौर प्रूफ रीडर एसोसिएट के रूप में भी काम किया. झारखंड के सभी समसमायिक मुद्दे खासकर राजनीति, लाइफ स्टाइल, हेल्थ से जुड़े विषय पर लिखने और पढ़ने में गहरी रूचि है. तीन साल से अधिक समय से झारखंड डेस्क पर काम किया. फिर लंबे समय तक लाइफ स्टाइल डेस्क पर भी काम किया. इसके अलावा स्पोर्ट्स में भी गहरी रूचि है.

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