Hazaribagh Road Accident, हजारीबाग : हजारीबाग में अनियंत्रित रफ्तार और यातायात नियमों की अनदेखी लगातार लोगों की जान ले रही है. सड़क सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से जिले में तीन नवंबर से ओवरस्पीड अवेयरनेस वीक चलाया जा रहा है, जिसका समापन शनिवार (9 नवंबर) को किया जाएगा. इस दौरान परिवहन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मुख्य सड़कों पर अभियान चलाकर लोगों को सुरक्षित ड्राइविंग और यातायात नियमों के पालन की सलाह दे रहे हैं. अभियान के तहत लोगों को काउंसलिंग दी जा रही है और जागरूकता पंपलेट भी बांटे जा रहे हैं.
दो साल में 532 सड़क दुर्घटनाएं
यातायात नियमों का पालन न करने और तेज गति से वाहन चलाने की वजह से सड़क दुर्घटनाओं में मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. पिछले दो वर्षों में जिले में 532 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं हैं, जिनमें 433 लोगों की मौत हुई. जबकि 365 लोग गंभीर रूप से घायल हुए.
63 पीड़ित परिवारों को मिल चुकी है मुआवजा राशि
इसी अवधि में हिट एंड रन मामलों में परिवहन विभाग ने अब तक 63 पीड़ित परिवारों को मुआवजा राशि वितरण की है. प्रत्येक लाभुक को 2 लाख रुपये तक की सहायता दी गई, जबकि कुल 1.26 करोड़ रुपये का भुगतान चेक के माध्यम से किया गया.
हादसों के आंकड़े चौंकाने वाले
- वर्ष 2024 के जनवरी से सितंबर तक 251 दुर्घटनाएं दर्ज हुईं, जिनमें 200 लोगों ने जान गंवाई और 173 लोग गंभीर रूप से घायल हुए.
- अक्टूबर 2024 से सितंबर 2025 के बीच दुर्घटनाओं की संख्या बढ़कर 281 हो गई है. इसमें 233 लोगों की मौत हुई और 192 लोग घायल हुए.
रफ्तार ही सबसे बड़ा कारण
परिवहन विभाग का कहना है कि अधिकांश सड़क हादसे ओवरस्पीडिंग के कारण हो रहे हैं. 2025 में दुर्घटनाओं में 16.50 प्रतिशत, मृतकों में 11.95 प्रतिशत और गंभीर रूप से घायलों में 10.98 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है.
क्या कहा डीटीओ बैद्यनाथ कामती ने
दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तेज रफ्तार पर नियंत्रण बेहद जरूरी है. दोपहिया वाहन चालक हेलमेट जरूर पहनें और चारपहिया वाहन चालक सीट बेल्ट लगाएं. निर्धारित गति सीमा में चलकर ही दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है.”
बैद्यनाथ कामती, डीटीओ, हजारीबाग
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