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हजारीबाग में मौत पर नहीं लग रहा ब्रेक! सड़क हादसे में दो साल में गईं 433 की जानें

Hazaribagh Road Accident: हजारीबाग में ओवरस्पीड और यातायात नियमों की अनदेखी सड़क हादसों का बड़ा कारण बन रही है. दो वर्षों में 433 लोगों की मौत और 63 पीड़ित परिवारों को 1.26 करोड़ रुपये मुआवजा दिया गया. फिलहाल जिले में सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान जारी है.

Hazaribagh Road Accident, हजारीबाग : हजारीबाग में अनियंत्रित रफ्तार और यातायात नियमों की अनदेखी लगातार लोगों की जान ले रही है. सड़क सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से जिले में तीन नवंबर से ओवरस्पीड अवेयरनेस वीक चलाया जा रहा है, जिसका समापन शनिवार (9 नवंबर) को किया जाएगा. इस दौरान परिवहन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मुख्य सड़कों पर अभियान चलाकर लोगों को सुरक्षित ड्राइविंग और यातायात नियमों के पालन की सलाह दे रहे हैं. अभियान के तहत लोगों को काउंसलिंग दी जा रही है और जागरूकता पंपलेट भी बांटे जा रहे हैं.

दो साल में 532 सड़क दुर्घटनाएं

यातायात नियमों का पालन न करने और तेज गति से वाहन चलाने की वजह से सड़क दुर्घटनाओं में मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. पिछले दो वर्षों में जिले में 532 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं हैं, जिनमें 433 लोगों की मौत हुई. जबकि 365 लोग गंभीर रूप से घायल हुए.

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63 पीड़ित परिवारों को मिल चुकी है मुआवजा राशि

इसी अवधि में हिट एंड रन मामलों में परिवहन विभाग ने अब तक 63 पीड़ित परिवारों को मुआवजा राशि वितरण की है. प्रत्येक लाभुक को 2 लाख रुपये तक की सहायता दी गई, जबकि कुल 1.26 करोड़ रुपये का भुगतान चेक के माध्यम से किया गया.

हादसों के आंकड़े चौंकाने वाले

  • वर्ष 2024 के जनवरी से सितंबर तक 251 दुर्घटनाएं दर्ज हुईं, जिनमें 200 लोगों ने जान गंवाई और 173 लोग गंभीर रूप से घायल हुए.
  • अक्टूबर 2024 से सितंबर 2025 के बीच दुर्घटनाओं की संख्या बढ़कर 281 हो गई है. इसमें 233 लोगों की मौत हुई और 192 लोग घायल हुए.

रफ्तार ही सबसे बड़ा कारण

परिवहन विभाग का कहना है कि अधिकांश सड़क हादसे ओवरस्पीडिंग के कारण हो रहे हैं. 2025 में दुर्घटनाओं में 16.50 प्रतिशत, मृतकों में 11.95 प्रतिशत और गंभीर रूप से घायलों में 10.98 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है.

क्या कहा डीटीओ बैद्यनाथ कामती ने

दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तेज रफ्तार पर नियंत्रण बेहद जरूरी है. दोपहिया वाहन चालक हेलमेट जरूर पहनें और चारपहिया वाहन चालक सीट बेल्ट लगाएं. निर्धारित गति सीमा में चलकर ही दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है.”

बैद्यनाथ कामती, डीटीओ, हजारीबाग

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Sameer Oraon
Sameer Oraon
इंटरनेशनल स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मीडिया से बीबीए मीडिया में ग्रेजुएट होने के बाद साल 2019 में भारतीय जनसंचार संस्थान दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा किया. 5 साल से अधिक समय से प्रभात खबर में डिजिटल पत्रकार के रूप में कार्यरत हूं. इससे पहले डेली हंट में भी बतौर प्रूफ रीडर एसोसिएट के रूप में भी काम किया. झारखंड के सभी समसमायिक मुद्दे खासकर राजनीति, लाइफ स्टाइल, हेल्थ से जुड़े विषय पर लिखने और पढ़ने में गहरी रूचि है. तीन साल से अधिक समय से झारखंड डेस्क पर काम किया. फिर लंबे समय तक लाइफ स्टाइल डेस्क पर भी काम किया. इसके अलावा स्पोर्ट्स में भी गहरी रूचि है.

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