Jharkhand Migrant Workers, रांची : अफ्रीका के ट्यूनीशिया में फंसे झारखंड के 48 प्रवासी कामगारों की वतन वापसी हो गयी है. सभी लोगों ने सही सलामत शनिवार को झारखंड की धरती पर कदम रखा. जैसे ही वे यहां पहुंचे सबकी आंखों में खुशी के आंसू साफ झलक रहे थे. सभी श्रमिकों ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया.
ट्यूनीशिया के एक निजी कंपनी में कार्यरत थे सभी मजदूर
ये सभी श्रमिक अफ्रीका के ट्यूनीशिया देश में एक निजी कंपनी में कार्यरत थे. वहां पर काम बंद हो गया और उनलोगों का भुगतान रुक गया था. उन मजदूरों के सामने भोजन की समस्या खड़ी हो गयी थी. धीरे-धीरे स्थिति इतनी खराब हो गयी कि कई लोगों ने मदद की उम्मीद छोड़ दी थी. तभी किसी तरह यह जानकारी राज्य सरकार तक पहुंची.
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सूचना मिलते ही हेमंत सोरेन ने दिया था कार्रवाई का निर्देश
सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विभागीय अधिकारियों को तुरंत हरकत में आने का निर्देश दिया. उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह लोगों की जिंदगी से जुड़ा विषय है. इसके बाद राज्य प्रवासी सहायता प्रकोष्ठ सक्रिय हुआ और भारतीय दूतावास से लगातार संपर्क रखकर आवश्यक दस्तावेज तैयार कराने की प्रक्रिया शुरू की गयी. लंबे प्रयासों के बाद सभी श्रमिकों को सुरक्षित भारत भेजने की व्यवस्था की गई.
मुख्यमंत्री कार्यालय, झारखंड ने भी ट्वीट कर दी जानकारी
इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय, झारखंड ने भी दी है. उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर ट्वीट कर लिखा कि हेमंत सोरेन की संवेदनशीलता और त्वरित पहल के कारण ट्यूनीशिया में फंसे झारखंड के 48 प्रवासी कामगारों की सुरक्षित वापसी संभव हो पायी है. इन कामगारों की मदद के लिए मुख्यमंत्री ने कार्रवाई का निर्देश दिया था.
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