24हैज22में- डॉ शंकर निवास
24हैज24में-डॉ मरिंदर
24हैज25में-डॉ राहुल कुमार सिंह24हैज26में-डॉ टी माेइत्रा
24हैज27में-डॉ अमन उरवारहजारीबाग. झारखंड बजट कुछ दिनों में ही पेश होनेवाला है. इस बजट से हजारीबाग के लोगों को काफी उम्मीद है. हजारीबाग चिकित्सकों को इस बजट से उम्मीद है कि स्वास्थ्य उपकरण, दवाइयों में टैक्स और स्वास्थ्य सुविधा के लिए अधिक से अधिक फंड उपलब्ध करायेगी. प्रभात खबर के बजट परिचर्चा पर हजारीबाग के डॉक्टरों ने अपने विचार रखे. डॉक्टर शंकर निवास ने कहा कि सरकार को हेल्थ बजट को बढ़ाने की जरूरत है. झारखंड में रोगी और डॉक्टर का अनुपात अन्य राज्य की तुलना में खराब है. पिछले कुछ वर्षों में पांच नये मेडिकल कॉलेज खोले गये. इसमें मात्र तीन मेडिकल कॉलेज ही अपने भवन में संचालित हो रहा है. बिहार सरकार प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की दिशा में काम कर रही है.
डॉक्टर क्षीतिज ने कहा कि अस्पतालों में मैन पावर बढ़ाने को ध्यान में रखकर बजट बनाना चाहिए. सरकार मुहल्ला क्लीनिक, अटल क्लीनिक, स्वास्थ्य उपकेंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को बेहतर करने के लिए सरकार को राशि खर्च करनी चाहिए. इससे सदर अस्पताल और मेडिकल कॉलेज पर दबाव कम होंगे और स्वास्थ्य को लेकर दूसरे राज्य में पलायन दर नीचे आयेगा.डॉक्टर मरिंदर ने कहा कि राज्य सरकार को स्वास्थ्य बजट पर ज्यादा खर्च करनी चाहिए. स्वास्थ्य उपकरण व जरूरी दवाइयों पर टैक्स कम करने की जरूरत है. इसके अलावा राज्य में और अधिक मेडिकल कॉलेज खुले इसके लिए भी बजट में व्यवस्था हो.
डॉक्टर राहुल कुमार सिंह ने कहा कि राज्य सरकार को शिक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर बजट बनाने की जरूरत है. ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था पर और अधिक राशि खर्च की जाय. झारखंड में खनिज संपदा की कमी नहीं हैृ. देश-विदेश से निवेशकों को लाने के लिए ट्रेड फेयर जैसे कार्यक्रम आयोजित किया जाय.डॉक्टर टी माेइत्रा ने कहा कि अभी मेडिकल क्षेत्र के अधिकतर उपकरण विदेशों से आयातित की जाती है. जिस पर भारी टैक्स देना होता है. जिससे आम लोगों का इलाज महंगी हो जाती है. राज्य सरकार को इन टैक्सों को कम करना चाहिए. सभी जिला अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड, एमआरआइ जैसे अत्याधुनिक मशीन लगाने की जरूरत है.
डॉक्टर अमन उरवार ने कहा कि राज्य के ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था काफी खराब है. आबादी के अनुपात में चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मी का पदस्थापन काफी कम है. ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य उपकेंद्रों में जरूरी उपकरण उपलब्ध नहीं है. जिससे मरीजों को काफी परेशानी होती है. सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है