डीवीसी श्रमिक यूनियन हजारीबाग यूनिट का 12वां सम्मेलन हजारीबाग. डीवीसी श्रमिक यूनियन हजारीबाग यूनिट का 12वां सम्मेलन मंगलवार को हुआ. सम्मेलन की अध्यक्षता हरेंद्र सरकार ने की. सम्मेलन का उदघाटन यूनियन के अखिल भारतीय महासचिव अभिजीत राय ने किया. उन्होंने कहा कि डीवीसी को ट्रांसमिशन, डिस्ट्रीब्यूशन और जनरेशन के नाम पर तीन भागों में बांट कर केंद्र सरकार इसे निजी हाथों में देना चाहती है. ताकि डीवीसी अपने लक्ष्य से भटक जाये. डीवीसी की स्थापना का उद्देश्य इस इलाके में बाढ़ को नियंत्रित करना, किसानों के लिए सिंचाई की व्यवस्था और दामोदर नदी के इलाके के आसपास रहने वाले लोगों का आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक स्थिति में सुधार करना था. इसके लिए डीवीसी ने सोशल इंटीग्रेशन प्रोग्राम बनाया था, लेकिन यह सब भूल कर डीवीसी अब सिर्फ बिजली बेच कर व्यापार कर रही है. डीवीसी में काम करने वाले मजदूर को अपने क्वार्टर में स्मार्ट मीटर लगाना अनिवार्य कर दिया है, जिससे डीवीसी मजदूरों को काफी नुकसान होगा. 2013 के बाद से लेकर आज तक एक भी कर्मचारियों की बहाली नहीं हुई है. समय-समय पर अधिकारियों की बहाली होती रही है. सीआइटीयू हजारीबाग के जिला उपाध्यक्ष गणेश कुमार सीटू ने कहा कि केंद्र सरकार सार्वजनिक कंपनियों को एक-एक कर बेचना चाहती है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था कमजोर हो जायेगी. सम्मेलन में यूनिट सेक्रेटरी विजय कुमार चौधरी ने तीन वर्ष की रिपोर्ट और आय व्यय पेश किया. गोला, कोनार, रामगढ़, बरही और हजारीबाग के प्रतिनिधियों ने सेक्रेटरी रिपोर्ट और आय व्यय को सर्वसम्मति से पास किया. कविता सरकार ने कहा अभी डीवीसी को बचाना मुख्य कार्य है. सम्मेलन में लाल बहादुर शास्त्री, राम सिंह डोंगू, दिगंबर प्रसाद, संतोष रजवार, सुधीर कुमार, जयराम खालको, प्रदीप मंडल धीरज कुमार और चांद उपस्थित थे. इसी क्रम में विजय कुमार चौधरी को सचिव और हरेंद्र सरकार को अध्यक्ष चुना गया.
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