आदर्श ग्राम जरबा में भी मुलभूत सुविधा नहीं 24हैज60 में-जरबा मुख्य सड़क के बीचो बीच बहता पानी 24हैज61 में-जरबा जाने वाली जर्जर सड़क जरबा पंचायत वाच चरही़ पंचायत चुनाव हुए पांच वर्ष हो गये. इन पांच वर्षों में सुदूरवर्ती कुछ क्षेत्रों में अपेक्षा के अनुरूप विकास नहीं हो पाया. कई गांव मुलभूत सुविधा से वंचित हैं. पंचायत के कुछ गांवों में स्थिति थोड़ी बदली, पर कुछ गांवों के ग्रामीणों की उम्मीदें पूरी नहीं हो सकी. लेकिन पांच साल में जरबा पंचायत के लिए कुछ खास रहा. पंचायत चुनाव होने के तुरंत बाद जरबा पंचायत को आदर्श पंचायत का दरजा मिला. पंचायत में विकास की गति बढ़ी. जिले के वरीय अधिकारियों ने शिविर लगा कर विकास की रूपरेखा तैयार की. जरबा पंचायत में सिंचाई, स्वास्थ्य कार्य जारी है. जरूरतमंद लोगों को इंदिरा आवास, सभी घराें में शौचालय बनाया गया. जरूरतमंद लोगों को विधवा पेशन,वृद्धा पेंशन से जोड़ गया. जरबा के अलावा इस पंचायत के लोथरवा, दासोखाप,जुकी गांव में कुछ भी विकास का काम नहीं दिखा. दासोखाप में सड़क की स्थिति जर्जर है. लोगों को आवागमन में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. जरबा पुल काफी पुराना व जर्जर हो चुका है. दासोखाप को नीमाडीह- मुकरू से जोड़ने वाली सड़क भी जर्जर अवस्था में है. आदर्श पंचायत जरबा में सिंचाई की सुविधा नहीं है. इच्छा के अनुरूप किसान खेती नहीं कर पाते हैं. 24हैज63 में-जरबा मुखिया राम दुलार सावजनता के जरूरत के अनुरूप काम किया : राम दुलार साव जरबा पंचायत के मुखिया राम दुलार साव ने कहा कि पांच वर्षों में मनरेगा से कुआं, रोड,तालाब, समतलीकरण, पीसीसी पथ, चापानल, नाली, विवाह घर, सामुदायिक भवन व 13वें वित्त से कई विकास कार्य किये. जरबा पंचायत के ग्रामीणों के सहयोग से शौचालय का निर्माण कराया. पंचायत के सुदूरवर्ती क्षेत्र जैसे दासोखाप, जोकी, लोथरवा में भी विकास का कार्य किये. जरबा व आसपास के जरूरतमंद लोगों को विधवा पेंशन, वृद्धा पेंशन से जोड़ा. 24हैज64 में-दूसरे स्थान पर रहे भानुप्रताप सिंह जनता के अनुरूप विकास कार्य नहीं हुआ : भनु प्रताप सिंह पिछले पंचायत चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे भानु प्रताप सिंह ने कहा कि पांच वर्ष में कोई भी विकास कार्य धरातल पर नहीं उतर सका. जनता के अपेक्षा के अनुरूप विकास कार्य नहीं हुआ. सिचाई के क्षेत्र में बेहतर कार्य होना चाहिए था, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ. बेरोजगारों को रोजगार दिलाने को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों का कोई खास पहल नहीं रहा. रोजगार के लिए यहां के युवकों का दूसरे राज्य में पलायन जारी है. विकास कार्यों में बिचैलिया हावी रहा. यादों में पहले के लोगों में ईमानदारी थी24 हैज 65 में-1978 के चुनाव में सरपंच रह चुके धनेश्वर महतो जरबा पंचायत के 1978 के चुनाव में सरपंच रह चुके धनेश्वर महतो बताते हैं कि पहले के चुनाव में लोग सर्वसम्मति से उम्मीदवार बनाते थे. उसके चुनाव का खर्च जनता देती थी. पहले के लोगों में ईमानदारी थी. वर्तमान चुनाव में लोगों में वैसा कुछ नहीं है. लोग गांवों का विकास नहीं विनाश करने में लगे हैं. वर्तमान लोगों में स्वार्थ कूट-कूट कर भरा है. पैसे वाले लोगों का ही समाज में मान व इज्जत है. जिन उम्मीदवारों के पास पैसा नहीं है उसे कोई पूछनेवाला नहीं है. कैसा हो प्रतिनिधि 24 हैज 66,समाजसेवी छोटन महतो 24हैज 67 ,योगेंद्र साव24 हैज 68,वशीर अंसारी 24 हैज 69 ,रामचंद्र रवि 24हैज70, दिनेश्वर महतोे 24 हैज 71,किशोर ठाकुर पंचायत का विकास करनेवाला बने मुखियाजरबा पंचायत के दासोखाप निवासी समाजसेवी छोटन महतो ने कहा कि गांव का चहुंमुखी विकास करनेवाला ही मुखिया बने. वसीर अंसारी ने कहा कि पांच साल के कार्यकाल में बेहतर कार्य करने वाला ही प्रतिनिधि चुन कर आये. गांवों का विकास करने वाला हो. योगेंद्र साव ने कहा कि गरीबों के दर्द को समझने वाला ही प्रतिनिधि चुन कर सामने आये. किशोर ठाकुर ने कहा कि शिक्षित, कर्मठ व जात-पात से ऊपर उठ कर काम करनेवाले को ही लोग मुखिया चुनें ़ रामचंद्र रवि ने कहा कि लोगों को हक व अधिकार दिलाने वाला ही मुखिया बनेगा. दिनेश्वर महतो ने कहा कि ईमानदार छवि का व्यक्ति ही प्रतिनिधि बने.
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आदर्श ग्राम जरबा में भी मुलभूत सुविधा नहीं
आदर्श ग्राम जरबा में भी मुलभूत सुविधा नहीं 24हैज60 में-जरबा मुख्य सड़क के बीचो बीच बहता पानी 24हैज61 में-जरबा जाने वाली जर्जर सड़क जरबा पंचायत वाच चरही़ पंचायत चुनाव हुए पांच वर्ष हो गये. इन पांच वर्षों में सुदूरवर्ती कुछ क्षेत्रों में अपेक्षा के अनुरूप विकास नहीं हो पाया. कई गांव मुलभूत सुविधा से वंचित […]
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