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खुशहाली व तरक्की के लिए मांगी दुआ

जिले भर में मना ईद-उल-अजहा हजारीबाग : ईद-उल-अजहा की नमाज जिले के सभी मसजिदों में अदा की गयी. सुबह से ही नमाजी मसजिद पहुंचने लगे थे. जामा मसजिद हजारीबाग में हाफीज कारी युनूस फैजी ने पहली जमात में नमाज पढ़ायी. मदीना मसजिद ग्वालटोली, खिरगांव मसजिद, हबीबी नगर खिरगांव खानकाह अबू औलिया मसजिद, सरदार मसजिद, ईदगाह […]

जिले भर में मना ईद-उल-अजहा
हजारीबाग : ईद-उल-अजहा की नमाज जिले के सभी मसजिदों में अदा की गयी. सुबह से ही नमाजी मसजिद पहुंचने लगे थे. जामा मसजिद हजारीबाग में हाफीज कारी युनूस फैजी ने पहली जमात में नमाज पढ़ायी.
मदीना मसजिद ग्वालटोली, खिरगांव मसजिद, हबीबी नगर खिरगांव खानकाह अबू औलिया मसजिद, सरदार मसजिद, ईदगाह मसजिद, मदरसा गरीब नवाज मसजिद, कानी बाजार मसजिद, तकिया मजार मसजिदे औलिया, नूरा मसजिद, लोहसिंघना मसजिद, पगमिल सुलताने हिंद मसजिद, मसिजदे आला हजरत पगमिल, लाखे मसजिद समेत सभी मसजिदों में नमाज लोगों ने अदा की. जामा मसजिद के पेश इमाम हाफीज कारी युनूस फैजी ने तकरीर में कहा कि हजरत इब्राहीम स.अ. ने एक रात सपना देखा कि अल्लाह ताला का हुक्म हुआ कि अपने रब के नाम पर कुरबानी करो.
हजरत इब्राहीम ने सुबह उठ कर सौ ऊंट की कुरबानी कर दी. दूसरी रात फिर वही सपने में हुक्म हुआ कि अल्लाह की राह में कुरबानी करो. फिर दूसरे दिन भी 100 ऊंट कुरबान किये. तीसरी रात भी वही सपना देखा. आपने अल्लाह से अर्ज किया. मैं क्या कुरबानी करूं. जवाब मिला की अपनी सबसे प्यारी चीज कुरबान करें. आपने सोचा सबसे प्यारी चीज मेरा बेटा इस्माइल है. आपने सुबह बीबी हाजरा से कहा इस्माइल को नहला-धुला कर अच्छा कपड़ा पहना दो.
सर में तेल लगा दो. हम इस्माइल को साथ लेकर अपने दूत से मिलने जायेंगे. मां ने उसी प्रकार हजरत इस्माइल को संवार कर बाप के साथ कर दिया. हजरत इब्राहीम घर से निकले. इधर इबलिस शैतान का दिल जलने लगा. वह एक बूढ़े की सूरत धारण कर बीबी हाजरा के पास गया और बोला तुम जानती हो इब्राहीम अपने बेटे इस्माइल को कहां ले गये हैं. उन्होंने उत्तर दिया दोस्त के पास मिलने गये हैं.
शैतान ने कहा नहीं वह इस्माइल को जबह करने के लिए गये हैं. हाजरा ने कहा ऐसा भी कहीं हुआ है कि बाप अपने बेटे को जबह करे. शैतान ने कहा यह अल्लाह का हुक्म है. इस पर हाजरा ने कहा यदि अल्लाह का हुक्म है तो मुझे भी खुशी है. मेरा बेटा अल्लाह के लिए कुरबान हो. जब शैतान का जादू वहां नहीं चला तो लौट कर इस्माइल के पास आया. हजरत इस्माइल को भी विचलित करने की कोशिश की. लेकिन कर नहीं सका.
मौलाना युनूस फैजी ने कहा कि हजरत इब्राहीम ने अपना इरादा जब बेटे इस्माइल को बताया तो इस्माइल ने बाप इब्राहीम से तीन बातें कही.
पहले मेरे हाथ पैर को आप अच्छी तरह बांध देंगे. ताकि मैं छटपटाऊं नहीं. मेरा खून आपके कपड़ों पर न पड़ जाये. मुझे मुंह के बल पर लेटा दीजियेगा. ताकि छुरी चलाते समय आपको दिखाई न पड़े. ऐसा संभव हो सकता है कि मुझे देख कर बाप का प्यार आपको नेक करने से रोक दे. तीसरा मेरा खून से भरा कपड़ा मां को दे देंगे और मेरा सलाम कह देंगे.
आखिर पैगाम पहुंचा देंगे. मौलाना युनूस फैजी ने बताया कि जब हजरत इस्माइल के गर्दन झुका दी. हजरत इब्राहीम ने गले पर छुरी रख दी तो आसमान कांप उठा. आसमान ने भी ऐसा नजारा नहीं देखा था. अल्लाह ताला ने फरमाया इब्राहीम आपने सपने को सच कर दिखाया. उसने जिबराइल फरिस्ते को हुक्म दिया कि जन्नत से एक दुंबा ला कर इस्माइल की जगह रख दो. पलक झपकते ही फरिश्ते ने जन्नत से दुंबा ला कर रख दिया.
इब्राहीम ने दुंबा को कुरबान किया. आंख पर पट्टी बंधी थी. इसलिए उन्होंने समझा कि इस्माइल को कुरबान कर दिया. पट्टी खोल कर देखा तो इस्माइल अलग बंधे पड़े थे और दुंबा जबह हुआ है. उन्होंने बताया कि हजरत इब्राहीम की इस सुन्नत को जिंदा रखने के लिए कुरबानी को जरूरी करार दिया गया. इसे हज में भी शामिल किया गया. हाफीज युनूस फैजी ने कहा कि जो बंदा अल्लाह से प्यार करते हैं वे हर कीमती चीज की कुरबानी देने के लिए तैयार रहते हैं. नमाज के बाद दुआएं मांगी गयी. इसमें देश में अमन शांति, भाईचारगी बढ़े. देश की खुशहाली और तरक्की के लिए दुआएं मांगी गयी. दुआ के बाद लोग एक-दूसरे से मिल कर बकरीद की बधाई दी. अपने घरों में बकरीद की खुशियां मनायी.
बरही : बरही में बकरीद का त्यौहार परंपरागत तरीके से मनाया गया़ मुसलमानों ने ईदगाहों व मसजिदों में बकरीद की नमाज अदा की़ सभी जगह अलग-अलग समय पर नमाज अदा की गयी.
बरही ईदगाह में इमाम मुफ्ती सरफराज अहमद, जामा मसजिद में हाफिज रहमत अली, मदीना मसजिद में हाजी मो कलीमुईीन व मक्का मसजिद में कारी अब्दुल कय्यूम ने बकरीद की नमाज पढ़ाई़ बरही एसडीओ शब्बीर अहमद ने ईदगाह में बकरीद की नमाज अदा की़
नमाज अदा करने के लिए काफी संख्या में लोग जुटे थे़ ईदगाह व मसजिद के पास मेला लगा था़ मेले में बच्चों ने काफी लुत्फ उठाया़ नमाज अदा करने के बाद लोग एक-दूसरे के गले मिले और ईद मुबारक कहा़ नमाज के बाद लोगों ने कुरबानियां दी़
बकरीद को लेकर स्थानीय प्रशासन सतर्क था़ बरही एसडीओ शब्बीर अहमद, डीएसपी सुनील कुमार रजवार, बरही बीडीओ विवेक कुमार, चौपारण सीओ साधुचरन देवगम, बरही थाना के एसआइ महेंद्र प्रसाद सहित कई अधिकारी स्थिति पर निगाह रखे हुए थे़ नमाज स्थलों पर पुलिस बल तैनात किये गये थे़
विधायक ने शुभकामना दी
बरही विधायक मनोज कुमार यादव, जिला परिषद प्रतिनिधि मो कयूम, सीपीआइ के कृष्ण कुमार सहित कई नेता व सामाजिक कार्यकर्ता घर-घर जा कर मुसलिम धर्मावलंबियों से मिले और उन्हें ईद की शुभकामना दी़.
चरही. चुरचू,चरही व कोयलांचल में हर्षोल्लास के साथ बकरीद मनायी गयी़ चरही, इंद्रा,बासाडीह,पीपरा, करीमगंज, जरबा,चीचीकला,बोदरा क्षेत्र के ईदगाह और मसजिदों में नमाज अदा की गयी. पर्व को लेकर मुसलिम बहुल क्षेत्रों में काफी उत्साह और उमंग देखा गया. चरही मसजिद में सुबह 8.30 बजे नमाज अदा की गयी. मौके पर सदर मो जमाल, सचिव मो अल्लाउद्दीन, मो़इलियास, मो शबीर, मो मुमताज, युनूस, सरफुद्दीन, अमजद, इस्तीयाक, मो जमालउद्दीन शामिल थे. चरही सदर मो जमाल ने कहा कि बकरीद आपसी सौहार्द्र, त्याग और बलिदान का पर्व है.
कटकमसांडी. कटकमसांडी व कटकमदाग प्रखंड के विभिन्न मसजिदों में बकरीद की नमाज अदा की गयी. मुसलिम धर्मावलंबियों ने नमाज अदा कर कुरबानी की रश्म को पूरा किया और विश्व में शांति एवं अमन की दुआ मांगी. ढौठवा, रेबर, आराभुसाई, कटकमसांडी, लखनू, उलांज, डांटो, पिचरी, डांड, खुटरा, लुपूंग, पबरा, पेलावल, हेदलाग, गदोखर, सुल्ताना, ढेंगुरा समेत सभी मसजिदों में नमाज अदा की गयी. नमाज आठ बजे से शुरू हुआ, जो नौ बजे खत्म हुआ.
विष्णुगढ़. विष्णुगढ़ तथा टाटीझरिया प्रखंड के कई गांवों में बकरीद का त्योहार मनाया गया. बकरीद की नमाज अदा की गयी. विष्णुगढ़ प्रखंड के नवादा, विष्णुगढ़, बनासो, सारूकुदर, गैड़ा समेत कई जगहों पर बकरीद मनायी गयी.

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