हजारीबाग.
जिले के एक दर्जन से अधिक सरकारी उच्च विद्यालय एवं प्लस टू स्कूलों में हाल के कुछ वर्षों में वार्षिक परीक्षा (मैट्रिक/इंटरमीडिएट) का परिणाम बेहतर नहीं है. ऐसे स्कूलों को शिक्षा विभाग ने चिह्नित करने के बाद सात उच्च विद्यालय और नौ प्लस टू स्कूल के 16 प्रभारी प्रधानाध्यापक से स्पष्टीकरण पूछा है. इस संबंध में डीइओ ने 10 अक्तूबर को पत्र जारी किया है. सभी प्रधानाध्यापकों को स्पष्टीकरण का जवाब एक सप्ताह के भीतर यानी 17 अक्तूबर तक देना अनिवार्य है. पत्र में डीइओ ने लिखा है कि वर्ष 2021 से 2025 तक का डेटा स्कूलों ने उपलब्ध कराया है. जिसमें सात उवि का मैट्रिक में एवं नौ प्लस टू स्कूलों का इंटरमीडिएट के विज्ञान संकाय में परीक्षा परिणाम जिला स्तर पर सबसे निम्न है. जो विभागीय नियम के विरुद्ध है.इन सभी को स्पष्टीकरण
सात उवि में शहरी क्षेत्र के बिहारी बालिका उवि, एसएन प्लस टू उवि हरली, उत्क्रमित प्लस टू उवि दिगवार, उत्क्रमित उवि टोंगी, उत्क्रमित उवि सिंदूर, उत्क्रमित उवि बभनवै, उत्क्रमित उवि आंगो चुरचू के प्रभारी प्रधानाध्यापक से स्पष्टीकरण पूछा गया है. वहीं, जिन नौ प्लस टू स्कूलों के प्रभारी प्रधानाध्यापक से स्पष्टीकरण पूछा गया है, उसमें आरएन प्लस टू उवि पदमा प्रखंड, एसएन प्लस टू उवि हरली बड़कागांव प्रखंड, परियोजना प्लस टू उवि चरही, परियोजना प्लस टू उवि गौरियाकरमा बरही प्रखंड, उत्क्रमित प्लस टू उवि देवकुली व उत्क्रमित प्लस टू उवि तिलरा कवातू दोनों इचाक प्रखंड, उत्क्रमित प्लस टू उवि सारूकुदर व उत्क्रमित प्लस टू उवि चानो दोनों विष्णुगढ़ प्रखंड एवं उत्क्रमित प्लस टू उवि कपका बरकट्ठा प्रखंड शामिल हैं.
क्या कहते हैं डीइओ
डीइओ प्रवीण रंजन ने कहा कि जिले में 16 स्कूलों ने मैट्रिक व इंटरमीडिएट के परीक्षा परिणाम में लगातार पांच वर्षों से बेहतर नहीं किया है. सभी संसाधन उपलब्ध होने के बावजूद बेहतर रिजल्ट नहीं हुआ है. शिक्षक विद्यार्थियों का सिलेबस पूरा नहीं कर रहे हैं. पत्र जारी कर सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापक से निर्धारित समय सीमा के भीतर स्पष्टीकरण का जवाब मांगा गया है. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर शिक्षकों के विरुद्ध आगे की कार्रवाई को लेकर विमर्श होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

