जांच टीम ने विभाग को सौंपी रिपोर्ट
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अभियंताओं की लापरवाही से टूटा कोनार सिंचाई परियोजना का तटबंध
जांच टीम ने विभाग को सौंपी रिपोर्ट फाटक से 250 मीटर पानी जमा होने से टूटा तटबंध हजारीबाग : कोनार सिंचाई परियोजना का तटबंध 28 अगस्त की रात टूटने के बाद तीन सदस्यीय टीम ने जांच कर रिपोर्ट विभाग को सौंप दी है. रिपोर्ट में कार्यपालक समेत तीन अभियंता दोषी पाये गये हैं. सरकार द्वारा […]
फाटक से 250 मीटर पानी जमा होने से टूटा तटबंध
हजारीबाग : कोनार सिंचाई परियोजना का तटबंध 28 अगस्त की रात टूटने के बाद तीन सदस्यीय टीम ने जांच कर रिपोर्ट विभाग को सौंप दी है. रिपोर्ट में कार्यपालक समेत तीन अभियंता दोषी पाये गये हैं.
सरकार द्वारा गठित जांच टीम ने शुक्रवार को रिपोर्ट सचिव को सौंपी. जांच में बांध टूटने का कारण अभियंताओं की लापरवाही बतायी गयी है. रिपोर्ट के अनुसार डुमरी डिवीजन बगोदर ब्रांच कैनाल से 16 किमी दूरी पर तटबंध टूटा है. कोनार डैम से इसकी दूरी 32 किमी है. तटबंध टूटने से बगोदर प्रखंड कुसुंभा पंचायत घोषको गांव की जमीन प्रभावित हुई है.
मध्य रात्रि को फाटक बंद करने से तटबंध टूटा है और 12 एकड़ भूमि में फसलों को नुकसान पहुंचा है. वहीं किसानों को मुआवजा देने की भी सिफारिश की गयी है. टूटे बांध की मरम्मत हो सकती है.जांच टीम में मुख्य अभियंता सनाउल्लाह खान, अशोक कुमार, लघु सिंचाई के अधीक्षण अभियंता राकेश कुमार सिंह थे.
जांच टीम का खुलासा: मुख्य अभियंता अशोक कुमार ने कहा कि कोनार सिंचाई परियोजना से उदघाटन के बाद नहर में पानी छोड़ा गया था, जो बगोदर ब्रांच कैनाल से 16 किमी की दूरी पर बने फाटक से निकल रहा था. अज्ञात लोगों ने मध्य रात्रि को फाटक बंद कर दिया. फाटक से 250 मीटर पानी जमा हो गया. जमा पानी नहर के ऊपर से बहा, जिससे 28 से 30 मीटर तटबंध टूट गया.
इन्हें पाया गया दोषी: जल संसाधन विभाग के डुमरी डिवीजन के कार्यपालक अभियंता विद्यानंद सिंह, सहायक अभियंता एवं कनीय अभियंता दोषी पाये गये हैं. प्रारंभिक जांच में कहा गया है कि तीनों अभियंता अगर सजग होते, तो नहर का तटबंध नहीं टूटता.
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