बड़कागांव : जहां एक ओर लगातार बे-मौसम बारिश और बढ़ती ठंड से लोग परेशान हैं. वहीं बड़कागांव प्रखंड में 24 घंटे से बिजली नहीं रहने कारण पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त है. 16 दिसंबर दोपहर को बिजली कटी, जो 17 दिसंबर के शाम तक नहीं आयी.
परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा की घड़ी हो या फिर त्योहारों का समय, बड़कागांव में बिजली की आंख-मिचौनी लगातार बनी रहती है. प्रखंड में बिजली की यह आंख-मिचौनी पिछले 40 वर्षों से जारी है. यहां से हर दिन करोड़ो रुपये के कोयले की निर्यात की जाती है. यहां के कोयले से बड़े-बड़े महानगर उज्ज्वल होते है, लेकिन यहां के लोगों को ही बिजली नहीं मिल पाती.
यहां के लोगों को 24 घंटे में महज चार से छह घंटे बिजली मिलती है. वह भी अनियमित व लो वोल्टेज के साथ. यह हाल तब है जबकि बड़कागांव को बिजली विभाग ने शहरी क्षेत्र घोषित कर रखा है. विभाग द्वारा बिजली उपभोक्ताओं से शहरी बिल लिया जाता है, जबकि बड़कागांव के लोगों को शहर की तरह बिजली नहीं मिलती है.
यही हाल बड़कागांव के ग्रामीण क्षेत्रों का भी है. बिजली की समस्या बड़कागांव के विकास में बाधक बन रही है. यह इस क्षेत्र के लिए सबसे बड़ी समस्या है, लेकिन इस ओर किसी बड़े नेता का कोई प्रयास नहीं दिखता.
* मांग से आधी मिली है बिजली
बिजली सब स्टेशन के कर्मियों के अनुसार डेमोटांड़ से बड़कागांव विद्युत सबस्टेशन को 300 एम्पियर बिजली मिलती है. बड़कागांव विद्युत सबस्टेशन से बड़कागांव प्रखंड के 85, केरेडारी प्रखंड के 82 व टंडवा एवं सिमरिया के 50 गांवों में बिजली का वितरण किया जाता है.बिजली का वितरण करने के लिए बड़कागांव विद्युत सबस्टेशन में चार फीडर, केरेडारी में चार एवं सिमरिया में दो फीडर बनाए गए हैं. इन सभी फीडरों को 300 एम्पियर में ही बिजली वितरण करना पड़ता है. जबकि बड़कागांव विद्युत सबस्टेशन को 620 एम्पियर बिजली की आवश्यकता है .
* किस फीडर को कितनी मिलती है बिजली
बड़कागांव सबस्टेशन के अंतर्गत पांच फीडर बनाए गए हैं, जिसमें बड़कागांव, बादम, आंगो, नगड़ी एवं केरेडारी हैं. बड़कागांव फीडर से बड़कागांव, सांढ़, छपरेवा, दोकाटांड़, नापो, गोसाईबलिया, चोपदार बलिया, विश्रामपुर व बरवनियां समेत 40 गांवों को बिजली मिलती है.
आंगो फीडर को 120 या 125 एम्पियर बिजली दी जाती है. इससे चोरका, पडिरिया, सीरमा, छवाणियां, पगार, खैरातरी, कांडतरी, सोनपुरा, महुदी, अम्बटोला, पतरातू, देवगढ़, लोहरसा व उरेज समेत 30 गांवों को बिजली मिलती है। वहीं नगड़ी फीडर को 150 या 160 एम्पियर बिजली दी जाती है. इससे गर्रीकलां, सिकरी, महतिकरा, बारियातु, नावाडीह, उरुब देवरिया व चेपाकलां समेत 50 गांवों को बिजली मिलती है.