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हजारीबाग : एक ही परिवार के छह सदस्यों की रहस्यमय परिस्थिति में मौत, हत्या या आत्महत्या, जांच रही पुलिस

सलाउद्दीन हजारीबाग : हजारीबाग शहर के खजांची तालाब के निकट सीडीएम शुभम अपार्टमेंट में एक ही परिवार के छह सदस्यों की रहस्यमय परिस्थिति में मौत हो गयी. अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 303 व 304 में पांच लोगों के शव मिले हैं. जबकि परिवार के एक अन्य सदस्य का शव अपार्टमेंट के नीचे गेट के सामने […]

सलाउद्दीन
हजारीबाग : हजारीबाग शहर के खजांची तालाब के निकट सीडीएम शुभम अपार्टमेंट में एक ही परिवार के छह सदस्यों की रहस्यमय परिस्थिति में मौत हो गयी. अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 303 व 304 में पांच लोगों के शव मिले हैं.
जबकि परिवार के एक अन्य सदस्य का शव अपार्टमेंट के नीचे गेट के सामने जमीन पर पड़ा मिला. मृतकों में महावीर महेश्वरी (70), पत्नी किरण महेश्वरी, बेटा नरेश महेश्वरी, बहू प्रीति अग्रवाल, पोता अमन कुमार अग्रवाल और पोती आनवी अग्रवाल उर्फ परी शामिल हैं.
सभी सदस्यों की मौत अलग-अलग तरीके से हुई है. घर की अलग-अलग जगहों से छह लिफाफे बरामद किये गये हैं. इन पर सुसाइडल नोट लिखे गये हैं. लिफाफे के ऊपर लिखा गया है, बीमारी प्लस दुकान बंद प्लस दुकानदारों का बकाया न देना प्लस बदनामी प्लस कर्ज इक्वल टू तनाव एरो मौत. हालांकि इस नोट पर सवाल उठ रहे हैं.
पुलिस ने सभी शवों का सदर अस्पताल में तीन सदस्यीय डॉक्टरों की टीम से पोस्टमार्टम कराया. पुलिस मामले की जांच कर रही है. शाम को मुक्तिधाम में सभी का अंतिम संस्कार किया गया. शहर के महावीर स्थान रोड में नरेश महेश्वरी का काबडा ट्रेडर्स नाम से ड्राइ फ्रूट की दुकान थी. पिता महावीर महेश्वरी की इलेक्ट्रिक मोटर वाइंडिंग दुकान थी.
लोगों ने पहले नरेश का शव देखा : रविवार सुबह छह बजे के करीब अपार्टमेंट में रहनेवाले लोगों ने सबसे पहले गेट के पास नरेश का शव देखा. नरेश के हाथ टूटे थे. दोनों पैर के तलवे कटा व लहूलुहान थे. इसके बाद लोग नरेश के फ्लैट में गये. वहां परिवार के अन्य सदस्यों के शव पड़े थे.
घटना के बाद पूरे शहर में सनसनी फैल गयी. डाइनिंग रूम में सोफा पर परिवार की सबसे छोटी सदस्य बेटी आनवी उर्फ परी (पांच साल) का शव पड़ा था. उसके मुंह से झाग निकल रहे थे. डाइनिंग रूम के ठीक सामने बेड पर अमन कुमार अग्रवाल (आठ साल) का शव पड़ा था. अमन का गर्दन धारदार हथियार से कटा हुआ था.
खून से पूरा बिस्तर सना हुआ था. इसी कमरे में अमन के दादा महावीर महेश्वरी का शव साड़ी के फंदे के सहारे छत से लटका था. उनके दोनों हाथ बंधे थे. फ्लैट के दूसरे कमरे में बेड पर अमन की मां प्रीति अग्रवाल (32) का शव पड़ा था. प्रीति के शव को छत के सहारे लटक रहे फंदे को काट कर बेड पर लिटाया गया था. इसी कमरे में दादी किरण महेश्वरी का शव फंदे से झूलता मिला.
पुलिस ने घर की ली तलाशी : सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने घर की तलाशी ली. पांच शव के साथ छह लिफाफा अलग-अलग जगहों से बरामद हुए. इसके ऊपर लिखा था- बीमारी प्लस दुकान बंद प्लस दुकानदारों का बकाया न देना प्लस बदनामी प्लस कर्ज इक्वल टू तनाव एरो मौत.
चार लिफाफे के अंदर अलग-अलग कागज में परिवार के सदस्य महावीर महेश्वरी, नरेश महेश्वरी, किरण महेश्वरी और प्रीति अग्रवाल के हस्ताक्षर थे. दो लिफाफे के ऊपर लाल रंग की सियाही से लिखा था-अमन को लटका नहीं सकते थे. इसलिए उसकी हत्या की गयी. कूलर पर खून से सना ब्लेड मिला. सेंटर टेबुल पर इथर से भरा बोतल और रूई मिले हैं. पावर ऑफ एट्रॉनी के लिए एक रुपये का स्टांप पेपर भी मिला है.
इलाज के लिए 17 को वेल्लोर जानेवाले थे नरेश : पूरा परिवार दो माह पहले ही वैष्णो देवी व अन्य जगहों पर घूमने गये थे. सभी करीब 15 दिन बाहर रहे थे. वहां से आने के बाद नरेश अपनी स्कूटी के साथ सड़क पर गिर गया था. इससे उसके पीठ में चोट आ गयी थी. हजारीबाग व रांची के कई डॉक्टरों से इलाज कराया, पर ठीक नहीं हुआ. 17 जुलाई को वह वेल्लोर जानेवाले थे. बीमारी के बाद लगातार दुकान बंद रहने के कारण परेशान थे.
छह लिफाफे बरामद, इस पर लिखे गये हैं सुसाइडल नोट, उठ रहे सवाल जिनकी मौत हुई
महावीर महेश्वरी (70), पत्नी किरण महेश्वरी, बेटा नरेश महेश्वरी, बहू प्रीति अग्रवाल, पोता अमन कुमार अग्रवाल और पोती आनवी अग्रवाल उर्फ परी
क्या है सुसाइडल नोट में
बीमारी प्लस दुकान बंद प्लस दुकानदारों का बकाया न देना प्लस बदनामी प्लस कर्ज इक्वल टू तनाव एरो मौत.
लोगों ने कहा, नहीं था आर्थिक संकट
नरेश का फ्लैट एलआइसी हाउसिंग लोन से फाइनांस है. इएमआइ हर महीने 20 हजार रुपये था. पेमेंट अपटूडेट है. यानी इएमआइ हर महीने समय पर दी जाती थी
तीन लाख की जीवन आनंद पॉलिसी का भी तीन माही किस्त लगभग नौ हजार रुपये समय पर भुगतान किया गया थाघटनास्थल पर पहुंचे 30 से 40 लोग, जो इस परिवार को नजदीक से जानते थे, बताया कि वे लोग आर्थिक रूप से परेशान हैं, ऐसा कभी नहीं दिखालोगों ने कहा कि नरेश के 50 से 80 लाख रुपये विभिन्न दुकानदारों व लोगों के पास हैं. परिवार पर अगर 25 लाख का कर्ज था, तो इससे अधिक पैसे मार्केट में फंसा था. परिवार मेहनती व साफ-सुथरा छवि का था
हत्या या आत्महत्या? उठ रहे सवाल
चौथे तल्ले से नरेश के छलांग लगाने की बात कही जा रही है. जहां से उनका शव मिला है, वहां बहुत अधिक खून नहीं फैला था. सिर में भी कोई चोट नहीं थी. सिर्फ हाथ फ्रैक्चर हुआ. तलवे में दो जख्म थे, जहां खून निकलने के निशान थे. नीचे या ऊपर कोई रॉड या कांटी नहीं मिले, जिससे इस तरह के जख्म होते हैं
महावीर का का पैर बेड से टीका हुआ था. घुटना मुड़ा हुआ था.किरण महेश्वरी का सिर छत की ओर उठा हुआ था. फंदे में गर्दन फंसने पर सिर नीचे या बायां-दायां हो जाता है
प्रीति अग्रवाल का शव बेड पर था. गले में साड़ी का फंदा था
बच्ची आनवी के मुंह से झाग निकलने के निशान थे, अमन अग्रवाल का गला रेता हुआ है
छह लिफाफे पर दो लोगों की लिखावट है

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