हजारीबाग : सैलानियों को जिले के पर्यटन स्थलों की जानकारी देने के बना पर्यटन केंद्र का भवन (सूचना केंद्र) सरकारी उदासीनता से अब विवाद भवन में तब्दील हो गया है. यह भवन एनएच 33 पर बीएसएनल कार्यालय के पास लगभग 32 हजार वर्गफीट जमीन पर बना है. इस पर डेढ़ करोड़ रुपये खर्च किये गये. यह भवन पर्यटकों को दर्शनीय स्थलों की जानकारी के अलावा अन्य सुविधाएं देने के लिए बनाया गया. कुछ सालों से इस भवन का में शादियां व बराती को ठहराने में उपयोग किया जा रहा है.
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सरकारी उदासीनता से विवाह भवन बना पर्यटन विभाग का सूचना केंद्र
हजारीबाग : सैलानियों को जिले के पर्यटन स्थलों की जानकारी देने के बना पर्यटन केंद्र का भवन (सूचना केंद्र) सरकारी उदासीनता से अब विवाद भवन में तब्दील हो गया है. यह भवन एनएच 33 पर बीएसएनल कार्यालय के पास लगभग 32 हजार वर्गफीट जमीन पर बना है. इस पर डेढ़ करोड़ रुपये खर्च किये गये. […]
करोड़ों खर्च के बाद भी सैलानी नदारद: हजारीबाग खूबसूरत झरना, कलकलाती नदियां, हरे-भरे पहाड़ व जंगल है. इनमें रहनेवाले विभिन्न प्रकार के वन्य प्राणी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है. पर्यटकों को रिझाने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च कर कई खूबसूरत भवन बनाये. करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी हजारीबाग में पर्यटकों के लाने में असफल रही. कोई पर्यटक इन भवनों में नहीं ठहरा. सरकार पिछले साल इस भवन को किराये पर दे दिया.
होटल एसोसिएशन से मांगी गयी थी रिपोर्ट
हजारीबाग में देसी व विदेशी सैलानी घूमने के लिए आये. इसके लिए पर्यटन विभाग ने पत्र लिख कर होटल एसोसिएशन से जानकारी मांगी थी कि हजारीबाग में कितने बाहरी पर्यटक एक साल में घूमने के लिए आये है. एसोसिएशन का रिपोर्ट चौका देनेवाला था. इसमें विदेशी पर्यटकों की संख्या शून्य दिखायी गयी. जबकि देसी पर्यटक मात्र 50 से 60 के बीच थे.
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