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होटल में छापामारी, छह गिरफ्तार

लाभुकों को ऋण व अनुदान दिलाने के नाम पर गिरोह करता था ठगी हजारीबाग : प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत ऋण व अनुदान की राशि दिलाने के नाम पर वसूली करनेवाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. एसडीओ आदित्य रंजन के नेतृत्व में कार्रवाई करते हुए इस मामले में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया […]

लाभुकों को ऋण व अनुदान दिलाने के नाम पर गिरोह करता था ठगी
हजारीबाग : प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत ऋण व अनुदान की राशि दिलाने के नाम पर वसूली करनेवाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. एसडीओ आदित्य रंजन के नेतृत्व में कार्रवाई करते हुए इस मामले में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार लोगों में मनीष कुमार चंदन, मो वसीम खान, शिवशंकर कुमार पांडेय, कुणाल मर्जी, मो जाहिद व गुलाब राणा शामिल है.सभी की गिरफ्तारी शहर के गंगा पैलेस होटल के कमरा संख्या 102 और 106 से की गयी है.
यह छापामारी पुलिस ने सोमवार की देर रात की. छापामारी में कई फर्जी कागजात, केबीआइसी के स्टांप सहित आपत्तिजनक सामान बरामद हुए हैं. बताया जाता है कि गिरोह का बड़ा नेटवर्क है. मामले को लेकर लोहसिंघना टीओपी में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. टीओपी प्रभारी रमेश सिंह ने सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत भेज दिया है.
कैसे ट्रैप में आया गिरोह: जानकारी के अनुसार इचाक के एक लाभुक राजेश गुप्ता ने प्रधानमंत्री रोजगार कार्यक्रम के तहत 25 लाख रुपये का ऋण लिया था. गिरोह के लोगों ने ऋण के लिए अनुदान की राशि 8.75 लाख रुपये उसे दिलाने की बात कह संपर्क किया. गिरोह के सदस्यों ने लाभुक को बताया कि उसे 35 प्रतिशत अनुदान लेने के लिए स्थल जांच कराना होगा. इसमें ट्रेनिंग, जीएसटी नंबर, कर्मचारियों के इपीएफ और सुरक्षा किट की जांच होगी. इसके बाद ही उसे सरकार से अनुदान मिलेगा. इन्होंने जांच के नाम पर लाभुक से 50 हजार रुपये की मांग की. इसी बीच लाभुक ने सदर एसडीओ आदित्य रंजन से संपर्क किया.
एसडीओ ने लाभुक से मांगी गयी राशि को मोलतोल करने के बाद जमा करने को कहा. एसडीओ ने कहा कि जो नोट गिरोह के लोगों को वह देगा उन नोटों की तस्वीर लेकर वाटसएप्प पर वह करे. इसके बाद एसडीओ ने टीम का गठन किया, फिर रात को गंगा पैलेस होटल पहुंचे. टीम में एसडीओ के अलावा एलआरडीसी शब्बीर अहमद, नगर निगम कार्यपालक पदाधिकारी आशीष कुमार, सदर थाना प्रभारी अवधेश कुमार सिंह शामिल थे. राजेश ने जैसे ही राशि गिरोह को दी, एसडीओ ने सभी को रंगेहाथ धर दबोचा. गिरोह के सदस्य मनीष चंदन पांडेय ने पूछे जाने पर बताया कि यह राशि उसकी है. जब एसडीओ ने बताया कि तुम्हारी जेब रखा नोट का नंबर कैसे पहुंचा. इसके बाद गिरोह अपनी संलिप्ता स्वीकार कर ली.
मनीष और वसीम बैंक डिफाल्टर: सदर एसडीओ के अनुसार मनीष चंदन पांडेय और वसीम खान बिहार का रहनेवाला है. पिछले कई साल से दोनों रामगढ़ में रहते आ रहे थे. रामगढ़ स्थित आंध्र बैंक और कैनरा बैंक के दोनों डिफाल्टर हैं. इन्होंने प्रधानमंत्री रोजगार कार्यक्रम के तहत ऋण लेकर जमा नहीं किया है. सदर एसडीओ आदित्य रंजन ने बताया कि यह रैकेट काफी बड़ा है. इसकी जांच चल रही है.
अंग्रेजी बोलने में माहिर हैं गिरोह के सदस्य
गिरोह के सदस्य मनीष चंदन पांडेय और वसीम खान फर्राटेदार अंग्रेजी बोलता है. अंग्रेजी बोलने की कला से गिरोह के सदस्य अधिकारियों व लोगों को प्रभावित करने में कामयाब हो जाते थे, जिसके बाद पैसे की उगाही करते थे. इसे पहले इचाक और लोहसिंघना थाना में भी इनके विरुद्ध शिकायत की गयी थी, लेकिन प्रभाव के कारण छोड़ दिया गया था.

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