ऑनलाइन परीक्षा की शुरुआत से पहले गरीब व मध्यम वर्ग के विद्यार्थियों को ऑनलाइन की सुविधा व जानकारी नहीं दी गयी है. इससे विद्यार्थियों में परेशानी बढ़ी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्मार्ट भारत बनाना चाहते हैं, लेकिन विश्वविद्यालयों की ओर उनका ध्यान नहीं है. युवा बेरोजगारों को सरकार रोजगार देने में विफल साबित हो रही है. दारोगा, शिक्षक समेत अन्य बहाली में धांधली हो रही है. स्कूल, कॉलेज व विवि की फीस वृद्धि पर रोक लगनी चाहिए. आर्थिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों के लिए समय-समय पर छात्रवृत्ति व छात्रावास मुहैया कराने की जरूरत है.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए छात्र मोरचा के केंद्रीय प्रभारी विशाल बाल्मिकी ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा की गारंटी हो. अश्लील सिनेमा, साहित्य व शराब की बिक्री समेत नशाखोरी पर रोक लगे. आठवीं कक्षा तक पास फेल व परीक्षा प्रथा पुन: प्रारंभ हो. तसलीम अंसारी ने कहा कि शिक्षा का निजीकरण व व्यापारीकरण पर रोक लगे. जेपीएससी द्वारा पारदर्शी तरीके से परीक्षाओं का संचालन हो. केंद्रीय प्रवक्ता योगेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि झारखंड छात्र मोरचा के ऐसे सम्मेलन से युवाओं की सोच सामने आयेगी. केंद्रीय सचिव चंद्रनाथ भाई पटेल ने कहा कि कॉलेज और विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं में ऑउट ऑफ सलेबस से प्रश्न पत्र पूछे जा रहे हैं, जिससे विद्यार्थी परेशान होते हैं. केंद्रीय अल्पसंख्यक सह झाविमो नेता मुन्ना मल्लिक ने कहा कि भाजपा की केंद्र और राज्य की सरकार गरीब विद्यार्थियों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. कार्यक्रम को राजीव रंजन प्रसाद, बालगोविंद, सत्यानंद भोक्ता, राजेश गुप्ता, कुणाल कुमार, जीतेंद्र उर्फ रिंकू, विकास हरि, अभिषेक निषाद, छात्र संघ अध्यक्ष शालिनी सिंह, विवेक कुमार, गौतम कुमार, गौतम वर्मा, राजेश झा, मेघलाल सोरेन, प्रीतम कुमार, अंकू कुमार व अभिजीत सिंह आदि ने संबोधित किया.