इसी सुरंग के माध्यम से चोर प्लांट के अंदर प्रवेश करते हैं और सामान की चोरी करते हैं. सूत्रों का कहना है कि सुरंग बनने की जानकारी सीआइएसएफ समेत प्रबंधन को नहीं है. बंद प्लांट की सुरक्षा में सीआइएसएफ तैनात हैं. इसके बाद भी चोरी की घटना हो रही है. सामान की चोरी कई ग्रुपों द्वारा की जाती है. प्रत्येक ग्रुप में छह-सात की संख्या में लोग होते हैं.
वे लोग रात के अंधेरे का फायदा उठा कर प्लांट में घुस कर कीमती सामान की चोरी कर पतरातू सहित आसपास के स्क्रैप माफियाओं को बेच देते हैं. चोर प्लांट से सामान निकालने के बाद प्लांट के बाहर के जगंलों, नलकारी नदी, बावनधारा, बलकुदरा के आसपास छिपा कर रखते हैं. अगले दिन स्क्रैप माफिया को चोरी के स्क्रैप को बेच दिया जाता है. चोरी के स्क्रैप को माफियाओं द्वारा ट्रक, बस, स्कूटर व बाइक से रांची भेजा जाता है.