वह कंधे पर घायल बेटी को लेकर सभी वार्ड में स्ट्रैक्चर के लिए भटकते रहे, लेकिन किसी ने उन्हें स्ट्रैक्चर उपलब्ध नहीं कराया. किसी तरह वह बेटी को लेकर कंधे पर ही खड़े रहे.
इसके बाद चिकित्सक ने उनकी बेटी की जांच की. जांच के बाद भी उसे स्ट्रैक्चर उपलब्ध नहीं कराया गया. आखिरकार पिता ने बेटी को फिर कंधे पर उठाया और वार्ड में भरती कराया. वह बार-बार कर्मियों से मिन्नत कर रहे थे, लेकिन उनकी सुनी नहीं जा रही थी.