अब व्यापक आंदोलन की जरूरत है. फागू बेसरा ने कहा कि आदिवासियों एवं मूलवासियों की जीविका का श्रोत जल, जंगल एवं जमीन है. प्रदेश में संविधान की पांचवी अनुसूची लागू है. इसके बाद भी सरकारी एवं निजी कंपनियों को उनकी जमीन दी जा रही है और ग्रामीण विस्थापित हो रहे हैं.
रैविमो के केंद्रीय महासचिव रैनाथ गंझू ने कहा कि रैयत विस्थापितों को अपने हक व अधिकार लेने के लिए प्रत्येक को आगे आने की जरूरत है. मौके पर केंद्रीय महासचिव सैनाथ गंझू, रंजीत बेसरा, केंद्रीय उपाध्यक्ष राजकुमार महतो, जिप सदस्य ममता देवी, लखनलाल महतो, संजीव बेदिया, केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एतो बास्के, केंद्रीय उपाध्यक्ष सुखदेव महतो, केंद्रीय प्रवक्ता सोनाराम मांझी, योधेश्वर सिंह भोक्ता, हरिलाल बेदिया, मोहन सोरेन, सोनाराम मांझी, आशीष करमाली, मोहन मांझी, सूरज बेसरा, सनी बेसरा, बिरेंद्र मांझी परमेश्वर सिंह भोक्ता, दिनेश हांसदा, पन्नलाल मुर्मू, मोहरलाल महतो, राजेश बेदिया व शंकर मांझी आदि मौजूद थे.