डुमरी. डुमरी में सरहुल पर्व धूमधाम से मनाया गया. मुख्य अतिथि आदिवासी धर्मगुरु बंधन तिग्गा, विशिष्ट अतिथि थानेदार अनुज कुमार, मुखिया प्रदीप मिंज, चेतन लाल मिंज, रेखा मिंज, ज्योति बहेर देवी थे. धर्मगुरु बंधन तिग्गा ने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति के संरक्षक व पूजक हैं. हम सभी को सरहुल के दिन पर्यावरण को बचाने का संकल्प लेने की जरूरत है. इस संकल्प को लेकर हमलोग प्रकृति का पर्व सरहुल मना रहे हैं. इससे पूर्व में समिति के मीडिया प्रभारी प्रेम प्रकाश भगत द्वारा अतिथियों का स्वागत कर मंच तक लाया गया. साथ ही सरना पूजा स्थल ले जाकर पुजार बीरबल बैगा की अगुवाई में पूजा पाठ करायी गयी. इसके बाद सरई फूल खोसी व प्रसाद वितरण किया गया. सरना स्थल से प्रखंड सरहुल पूजा समिति के बैनर तले शोभायात्रा निकाली गयी, जो शोभायात्रा सरना स्थल से डुमरी बस्ती, दुर्गा मंदिर परिसर, क्रूस चौक नवाडीह, मुख्यालय परिसर से रवींद्र नगर होते हुए टांगरडीह गांव स्थित झखराकुंबा पहुंच कर सभा में तब्दील हो गयी. शोभायात्रा में सभी लोग डीजे साउंड व पारंपरिक वेश भूषा में गाजे-बाजे के साथ नाचते-गाते चल रहे थे. इस दौरान दूसरे समुदायों द्वारा क्रूस चौक पर स्टॉल लगा कर शरबत व पानी पिला कर एकता का परिचय दिया गया. अंत में झखरा कुंबा परिसर में सामूहिक नाच के बाद विभिन्न गांवों से आयी नृत्य मंडली को समिति की ओर से पारितोषिक वितरण किया गया. मौके पर समिति अध्यक्ष जून उरांव, जगरनाथ भगत, वीरेंद्र भगत, हेमंत भगत, सुरेंद्र उरांव, अनिल भगत, रविशंकर भगत, श्रीराम उरांव, वासुदेव भगत, गोपाल भगत, सुखमनी देवी, अन्नपूर्णा देवी, संपति देवी, विमला कुजूर, अनुराधा देवी, दिल कुमारी देवी, अजय भगत, पीतांबर भगत, अनिल उरांव, सुमेश भगत, बच्चू उरांव, रामकृपा भगत, सुरेश भगत, मनोज उरांव, राकेश भगत आदि मौजूद थे.
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