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झारखंड के आदिम जनजाति गांवों की बदलेगी सूरत, खर्च होंगे 5 करोड़ रुपये

Jharkhand news, Gumla news : झारखंड में निवास करने वाले विलुप्त प्राय: आदिम जनजाति परिवार (Primitive tribe family) एवं उनके गांवों की सूरत बदलेगी. इसके लिए सरकार ने आदिम जनजाति परिवारों को पक्का घर देने के अलावा पेंशन, बच्चों की शिक्षा, गांवों में पानी, बिजली, सड़क जैसी सुविधा बहाल करने के लिए योजना बनायी है. सरकार ने झारखंड में निवास करने वाले 8 आदिम जनजातियों के विकास में 5 करोड़ रुपये इस वित्तीय वर्ष 2020-21 में खर्च करने की योजना बनायी है. इसके लिए सरकार ने आदिवासी कल्याण आयुक्त झारखंड को 5 करोड़ दिये हैं.

Jharkhand news, Gumla news : गुमला (दुर्जय पासवान) : झारखंड में निवास करने वाले विलुप्त प्राय: आदिम जनजाति परिवार (Primitive tribe family) एवं उनके गांवों की सूरत बदलेगी. इसके लिए सरकार ने आदिम जनजाति परिवारों को पक्का घर देने के अलावा पेंशन, बच्चों की शिक्षा, गांवों में पानी, बिजली, सड़क जैसी सुविधा बहाल करने के लिए योजना बनायी है. सरकार ने झारखंड में निवास करने वाले 8 आदिम जनजातियों के विकास में 5 करोड़ रुपये इस वित्तीय वर्ष 2020-21 में खर्च करने की योजना बनायी है. इसके लिए सरकार ने आदिवासी कल्याण आयुक्त झारखंड को 5 करोड़ दिये हैं.

5 करोड़ रुपये विभाग को प्राप्त होने के बाद आदिवासी कल्याण आयुक्त (Tribal welfare commissioner) हर्ष मंगला ने राज्य के उपायुक्तों (Deputy Commissioners) को पत्र लिखे हैं. इसमें उन्होंने आदिम जनजातियों के ग्रामोत्थान योजना से संबंधित कार्ययोजना प्रस्ताव बनाकर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.

कल्याण आयुक्त ने कहा है कि अनुसूचित जनजाति के पीभीटीजी गांव बाहुल्य योजना के तहत क्षेत्रीय उपयोजना अंतर्गज एक करोड़ रुपये एवं जनजातीय क्षेत्रीय उपयोजना अंतर्गत 4 करोड़ रुपये का आवंटन आदिवासी कल्याण आयुक्त कार्यालय को उपलब्ध कराया गया है. उक्त राशि से पीभीटीजी ग्रामोत्थान योजना प्रस्तावित है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य पीभीटीजी बाहुल्य गांवों का समेकित विकास करते हुए आदर्श ग्राम के रूप में परिणत करता है. सरकार के अनुसार राज्य में 8 प्रकार के आदिम जनजाति निवास करते हैं, जो कि अति कमजोर जनजातीय समूह में आते हैं.

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आदिम जनजातियों को मिलेगा ये लाभ

आवास, गांव में पेयजलापूर्ति, अभिशरण के माध्यम से पीभीटीजी पेंशन योजना के तहत छूटे हुए परिवार को अच्छादित करना, डाकिया योजना के तहत छूटे हुए परिवार को अच्छादित करना, आजीविका का उपाय करना, गांव में सोलर स्ट्रीट लाइट, स्वीकृत आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र की मरम्मत, आवश्यकता अनुरूप तालाब का निर्माण करना है. इसके अलावा जरूरत के अनुसार अन्य बुनियादी सुविधा देना है.

हर एक परिवार को आवास जरूरी

प्रस्तावित योजना के तहत पीभीटीजी बाहुल गांवों में आवास का निर्माण हर एक परिवार में करना है. इसके तहत बिरसा आवास या ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित पीएम आवास योजना का लाभ देना है.

उपायुक्त को अध्यक्ष बनाया गया

आदिम जनजाति गांवों के विकास के लिए विकास का कार्य ग्रामसभा के माध्यम से किया जाना है. वहीं, निर्मित योजनाओं की प्राथमिकता का निर्धारण उपायुक्त सह अध्यक्ष आईटीडीए की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जायेगा. इसके लिए एक समिति बनायी गयी है. जिसमें उपायुक्त को अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि आईटीडीए के परियोजना निदेशक सदस्य सचिव होंगे. वहीं, सदस्य के रूप में डीडीसी, बीडब्ल्यूओ एवं बीडीओ होंगे.

गांवों का नहीं हो सका है विकास

गुमला जिले की अगर हम बात करें, तो आज भी आदिम जनजाति गांवों का विकास नहीं हो सका है. गांवों तक जाने के लिए सड़क नहीं है. शौचालय नहीं बना है. बिरसा आवास अधूरा है. कमीशनखोरी के कारण इन गांवों का विकास नहीं हो पा रहा है. कई गांवों में बिजली नहीं है. पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं है. वृद्धों को पेंशन नहीं मिलता है. आज भी रोजी- रोजगार के लिए आदिम जनजाति के लोग भटकते रहते हैं. उनका जीविका वनोत्पाद से चलता है.

झारखंड में पीभीटीजी एवं उसकी संख्या

पीभीटीजी समूह जनसंख्या
माल पहाड़िया 1,35,797
सौरिया पहाड़िया 46,222
कोरवा 35,606
परहैया 25,585
असुर 22,459
बिरहोर 10,736
सवर 9,688
बृजिया 6,276

कुल 2,92,369

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar Digital Desk
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