प्रतिनिधि, गुमला
रायडीह प्रखंड के कोंडरा सीधाटोली गांव में सरहुल पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया. गांव के फूलचंद पुजार व चुड़ू बैगा ने सरना स्थल में पूजा पाठ किया. इसके बाद 28 गांव के लोग गाजा बाजा गीत संगीत वेशभूषा और अपने खोड़हा मंडली के साथ नाचते गाते झूमते सीधाटोली से कोंडरा चौक तक गये. शोभायात्रा निकाली गयी. कोंडरा पंचायत के मुखिया लंकेश्वर चीक बड़ाइक ने अपने भाषण में सभी का स्वागत किया और सबको शुभकामनाएं दी. आदिवासी नेता देवेंद्र लाल उरांव ने कहा कि धरती मां और सूर्य देवता की कृपा से हमारी धरती हरी भरी रहती है. धरती हमारी मां है. इसके गोद में हम सभी लाखों जीव जंतु फलते फूलते हैं. सूर्य सर्व शक्तिमान देवता है. उसकी ऊर्जा से प्रकृति को शक्ति मिलती है. आज सरकार विकास की आड़ में हमारे जल, जंगल, जमीन, मसना और सरना को भी मिटा दे रही है. जरूरत पड़ने पर इसी प्रकार हम सभी आदिवासी एकजुट होकर उल गुलान करेंगे. मूली पड़हा के देवान चुइयां कुजूर ने कहा कि नाच गान, गाजा बाजा, वेश भूषा, नेग नेकचार हमारी परंपराएं हमारी पहचान है. इसे बनाये रखना हमारा कर्तव्य है. हमें अपने अधिकारों को जानना होगा और वक्त के साथ लड़ना होग. खड़िया समाज के अगुवा बिशु सोरेंग ने कहा कि हमारे पुरखे कहा करते थे, जो नाचेगा, सो बचेगा. सरहुल पर्व प्रकृति को पूजने के साथ उनके संरक्षण संवर्धन का त्योहार है. मौके पर पूर्व प्रमुख यशोदा उरांव, पूर्व मुखिया कमला देवी, चंद्रनाथ उरांव, समिति के संरक्षक रंजन राम भगत, राजेश उरांव, जय प्रताप राम, अध्यक्ष सोमरा खड़िया, सचिव जयराम भगत, उप सचिव कामिल खड़िया, कोषाध्यक्ष सुखदेव उरांव, उपाध्यक्ष सुखराम खड़िया, ननकू खड़िया, सानू खड़िया, दामोदर खड़िया सहित हजारों लोग मौजूद थे.
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