पालकोट. प्रखंड के खड़िया समाज ने बुधवार को बंदोई पर्व मनाया गया. मौके पर खड़िया समाज के लोगों ने पारंपरिक पूजा के बाद अपने घरेलू मवेशियों को चावल व उड़द खिलाया. सुकरा खड़िया, बंसत डुंगडुंग, रश्मि डुंगडुंग, अमित डुंगडुंग, सुमित डुंगडुंग, संजना इंदवार, अनूपा डुंगडुंग समेत अन्य ग्रामीणों ने बताया कि बंदई पर्व को खड़िया समाज में पूर्वज काल से मनाते आ रहे हैं. मवेशी खेती-बारी के कामों में हमारा साथ देते हैं. आज का दिन मवेशियों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने और उनकी पूजा कर उन्हें अच्छा भोजन प्रदान किया जाता है. यह हमारे समाज की परंपरा का एक हिस्सा है.
पारंपरिक नृत्य जदुरा रहा आकर्षण का केंद्र
कामडारा. प्रखंड के तुरबुल गांव में बुधवार को डाइर मेला का आयोजन किया गया. मेले का उदघाटन मुख्य अतिथि जिप सदस्य दीपक कंडुलना व विशिष्ट अतिथि उपप्रमुख शकुंतला देवी, मुखिया लवली तिर्की व आप नेता राजेश लिंडा ने संयुक्त रूप से फीता काट कर किया. मौके पर गांव के पहान द्वारा विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करायी गयी, जहां लोगों ने अपने ईष्ट देव से सुख, शांति व समृद्धि की कामना की. मेला लोगों के मुख्य आकर्षण का केंद्र पारंपरिक नृत्य जदुरा व मुर्गा लड़ाई रहा. मेले में ग्रामीणों के मनोरंजन के लिए नागपुरी आरकेस्ट्रा लगाया गया था, जहां स्थानीय नागपुरी कलाकारों के एक से बढ़ कर एक नागपुरी गीतों की प्रस्तुति के बीच ग्रामीणों ने मनोरंजन किया. अतिथियों ने कहा कि यह डाइर मेला पूर्वज काल से चली आ रही है. खुशी की बात है कि यह परंपरा आज भी जीवित है. यह सिर्फ एक मेला नहीं, बल्कि हमारी परंपरा, संस्कृति व कला की पहचान है.
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