गुमला. चैनपुर प्रखंड के कुइयो, कोचागानी व कुराग के गांवों सोमवार को अतखा (गांव) पड़हा का गठन किया गया. इसमें बेल, देवान, कोटवार, कहतो, रकम उर्वश व करटाहा का चयन किया. सभी नवचयनित पदाधिकारियों का फूल माला से स्वागत किया गया. साथ ही उनकी जिम्मेवारियों व कर्तव्यों के प्रति उन्हें शपथ दिलायी गयी. मूली पड़हा गुमला के बेल देवराम भगत ने कहा कि आदिवासियों की प्राचीनतम रूढ़ीगत पारंपरिक धार्मिक, समाजिक, सांस्कृतिक व न्यायायिक व्यवस्था है, जिसके आधार पर उरांव बहुल क्षेत्रों में शासन का संचालन होता था. उसी व्यवस्था को सशक्त व मजबूत करने के लिए अतखा पड़हा का गठन किया जा रहा है. उन्होंने पड़हा के नये पदधारियों को उनके पद अनुसार अपने पदों का निर्वहन करने तथा बैगा, पहान, पुजार, महतो व ग्राम प्रधान के साथ मिल कर गांव के शासन को सशक्त व मजबूत करने की बात कही. कोटवार देवेंद्र लाल उरांव ने कहा कि गांव व समाज की शासन व्यवस्था को पड़हा के माध्यम से सुचारू रूप से चलाया जाता रहा है. सरकार व प्रशासन के भरोसे मात्र से गांव सुचारू रूप से नहीं चल सकता. गांव व समाज की मजबूती हमारी परंपराओं सिस्टम व कस्टम से होगी. पूर्व राजी कोटवार सुशील उरांव ने कहा कि संविधान ने भी पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था व ग्रामसभा को मान्यता प्रदान की है. जिस गांव के लोग अपने लिए नियम, जल, जंगल, जमीन, परंपरा एवं छोटे-मोटे विवादों का निपटारा स्वयं कर सकते हैं. बैठक को रकम उर्वश गौरी किंडो, सोनो मिंज, शांति मिंज, फुलमनी उरांव आदि ने भी संबोधित किया. मौके पर सिनगी देई प्रदेश प्रदेश महिला अध्यक्ष माधुरी भगत, परामर्शदात्री सदस्य शांति देवी, पुष्पा उरांव, सुशील उरांव, कैलास उरांव, बिहारी उरांव, इंद्रदेव उरांव आदि मौजूद थे.
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