सिसई. पुराने प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर स्थित झारखंड आंदोलनकारी मोर्चा कार्यालय में शुक्रवार को आंदोलनकारियों ने झारखंड आंदोलन के महान सपूत स्व शहीद निर्मल महतो का शहादत दिवस मनाया. झारखंड आंदोलनकारी मोर्चा के जिलाध्यक्ष सुनील भगत ने कहा कि झारखंडी अस्मिता व स्वाभिमान की रक्षा के लिए उनका एकजुट होना ही आंदोलन के लिए मील का पत्थर साबित हुआ था. हर कदम पर दिशोम गुरु की छाया में निर्मल महतो ने न केवल आंदोलन को तेज गति प्रदान की, बल्कि आम जनता को भी आंदोलित कर एक साझा लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया. शिबू सोरेन व निर्मल महतो की साझी रणनीति, समर्पण और नेतृत्व क्षमता ने झारखंड आंदोलन को एक सशक्त आधार व अपार जनसमर्थन प्रदान किया. इसका परिणाम है कि अलग झारखंड राज्य के रूप में सबके सामने है. निर्मल महतो हम सबके अधिकारों की लड़ाई लड़ते हुए शहीद हो गये. जिला उपाध्यक्ष पीसी बड़ाइक ने कहा कि वीर शहीद निर्मल का बलिदान राज्य को सदैव याद रहेगा. झारखंड को अलग राज्य के स्वामित्व की लड़ाई लड़ते हुए उन्होंने अपना प्राण न्योछावर कर दिया था. हमें उनके पदचिन्हों पर राज्य को आगे बढ़ाने का काम करना है. जिला संरक्षक अजीत विश्वकर्मा ने झारखंड आंदोलन के लिए शहीद निर्मल महतो के योगदान को याद करते हुए कहा कि जिस उद्देश्य से झारखंड राज्य का गठन हुआ था. आज वह साकार होते दिखायी नहीं दे रहा है, उन्होंने सरकारी कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार व आंदोलनकारियों को सही मान सम्मान नहीं मिलने से नाराजगी जतायी है. प्रखंड अध्यक्ष महमूद आलम ने संचालन व समापन भाषण दिया. मौके पर जुबेर अंसारी, मनोज वर्मा, जोसेफ आभास मिंज, हिबजुल अंसारी, भागीरथी साहू, निर्मल लकड़ा, बेनादित लकड़ा, उमेश उरांव मौजूद थे.
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