गुमला. बिशुनपुर प्रखंड के सेरका गांव से होकर बहने वाली नदी पर ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 अंतर्गत वाटर शेड जन भागीदारी कप कार्यक्रम के तहत श्रमदान से बोरा बांध बनाया है. श्रमदान में गांव के पुरुषों, महिलाओं, बुजुर्गों व बच्चे शामिल हुए. नदी पर बोरा बांधी से पानी का संचयन (ठहराव) होगा, जिससे ग्रामीण वहां सालों भर खेती कर सकेंगे. इससे पूर्व गांव के ग्रामीणों ने सामूहिक बैठक कर गांव व गांव के लोगों के विकास पर विचार-विमर्श के बीच गांव में हरियाली लाकर तकदीर बदलने का फैसला लिया. वहीं भूमि संरक्षण विभाग गुमला व गैर सरकारी संगठन आइएसडीजी ने ग्रामीणों का सहयोग किया. इसके बाद ग्रामीण एकजुट हुए और नदी पर बोरा बांध बना दिया. गांव के दिव्यांग किसान मनीजर ने बताया कि वे पहले हरियाणा में मजदूरी करते थे. लेकिन एक दुर्घटना के बाद उनका हाथ कट गया. इसके बाद वे वापस अपने घर सेरका लौट आये और गांव में रहकर खेती करने लगे. लेकिन सिंचाई सुविधा के अभाव में खेती समस्या होती थी. यह समस्या गांव के सभी किसानों के समक्ष थी. इसके बाद नदी पर बांध बनाने का निर्णय लिया गया. कहा कि बोरा बांध से नदी में पानी जमा होगा, जिससे आसपास के किसान सालों भर खेती कर सकेंगे.
भूमि संरक्षण पदाधिकारी ने कहा
आशीष प्रताप (भूमि संरक्षण पदाधिकारी) ने बताया कि गांव के किसान खेती में रुचि रखते हैं, जिसको ध्यान में रख गांव की नदी में बोरा बांध बनाया गया है. आनेवाले समय में गांव के किसानों के बीच सरकार व गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से खरीफ फसल के लिए बीज वितरण, पौधरोपण, सोलर आधारित डीप बोरिंग, लिफ्ट सिंचाई, पशुधन टीकाकरण व जैविक खेती जैसे कार्य किये जायेंगे.
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