रायडीह. रायडीह के मांझाटोली में दो दिवसीय अंतरराज्यीय जन सांस्कृतिक समागम सह कार्तिक जतरा सोमवार को शुरू हुआ. पंखराज साहेब कार्तिक उरांव आदिवासी शक्ति स्वायतशासी विश्वविद्यालय निर्माण समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पहले दिन 10 हजार से अधिक खोड़हा दल शामिल हुए. जनजाति वेशभूषा से सज-संवर कर नृत्य, गीत, ढोल नागाड़ा के साथ अपनी परंपरा व संस्कृति को प्रस्तुत किये. उदघाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व सिक्यूरिटी सलाहकार पीएमओ डॉक्टर रामाकांत द्विवेदी ने कहा कि पंखराज साहेब कार्तिक उरांव राष्ट्रीय स्तर पर अपनी ज्ञान और अध्ययन से विज्ञान में ख्याति प्राप्त की थी. उन्होंने जनजातीय समुदाय के उत्थान के लिए शिक्षा पर जोर दिया था. कहा कि शिक्षित समाज से ही बेहतर समाज की परिकल्पना कर सकते हैं. कार्तिक बाबा के सपनों को साकार करने के लिए शिवशंकर उरांव लगातार प्रयासरत हैं. विश्वविद्यालय निर्माण के लिए हम सभी उनके लक्ष्य की पूर्ति के लिए उनके साथ हैं. विश्व विद्यालय निर्माण होने से यहां की आनेवाली पीढ़ी शिक्षित होगी और समाज का उत्थान होगा. छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री सह विवि निर्माण समिति के गणेश राम भगत ने कहा कार्तिक उरांव ने कहा था जे नाची से बाची. जनजातीय समुदाय के लोगों से कहा कि अपनी संस्कृति व परंपरा को हमें संरक्षित करना है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 30 दिसंबर को यहां आ रही हैं. समिति के अध्यक्ष सह पूर्व विधायक शिवशंकर उरांव ने कहा बाबा कार्तिक उरांव का सपना था. झारखंड, छत्तीसगढ़ व ओड़िशा के सीमावर्ती इलाका में जनजातीय समुदाय के लिए एक विश्वविद्यालय का निर्माण हो. उस सपने को पूरा करने के लिए लगातार 15 वर्षों से शंख मोड़ मांझाटोली बैरियर बगीचा में जनजातीय सांस्कृतिक समागम कार्तिक जतरा का आयोजन किया जा रहा है. मौके पर प्रोफेसर देवेंद्र शर्मा, पंकज सोनी, चिनमय साहू, पूर्व आइजी राज कुमार लकड़ा, विंदेश्वर उरांव, जग नारायण सिंह, मांगू उरांव, डॉ लक्ष्मण उरांव, जोगेंद्र सिंह, पुनीत लाल, देवेंद्र लाल उरांव, अनिरुद्ध सिंह, गोपाल प्रताप सिंह, अशरफ राय लालो, जगेश्वर सिंह, मुखिया चुइयां कुजूर, हीरा प्रसाद, करमपाल सिंह, देवतु उरांव, बिशु सोरेंग, रामप्रसाद साहू, उमेश प्रधान, संतन कुमार भगत, मनोज भगत, परमेश्वर भगत, गोविंद राम रजक, शंकर पांडेय आदि मौजूद थे. रायडीह के मांझाटोली में दो दिवसीय अंतरराज्यीय जन सांस्कृतिक समागम सह कार्तिक जतरा सोमवार को शुरू हुआ. पंखराज साहेब कार्तिक उरांव आदिवासी शक्ति स्वायतशासी विश्वविद्यालय निर्माण समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पहले दिन 10 हजार से अधिक खोड़हा दल शामिल हुए. जनजाति वेशभूषा से सज-संवर कर नृत्य, गीत, ढोल नागाड़ा के साथ अपनी परंपरा व संस्कृति को प्रस्तुत किये. उदघाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व सिक्यूरिटी सलाहकार पीएमओ डॉक्टर रामाकांत द्विवेदी ने कहा कि पंखराज साहेब कार्तिक उरांव राष्ट्रीय स्तर पर अपनी ज्ञान और अध्ययन से विज्ञान में ख्याति प्राप्त की थी. उन्होंने जनजातीय समुदाय के उत्थान के लिए शिक्षा पर जोर दिया था. कहा कि शिक्षित समाज से ही बेहतर समाज की परिकल्पना कर सकते हैं. कार्तिक बाबा के सपनों को साकार करने के लिए शिवशंकर उरांव लगातार प्रयासरत हैं. विश्वविद्यालय निर्माण के लिए हम सभी उनके लक्ष्य की पूर्ति के लिए उनके साथ हैं. विश्व विद्यालय निर्माण होने से यहां की आनेवाली पीढ़ी शिक्षित होगी और समाज का उत्थान होगा. छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री सह विवि निर्माण समिति के गणेश राम भगत ने कहा कार्तिक उरांव ने कहा था जे नाची से बाची. जनजातीय समुदाय के लोगों से कहा कि अपनी संस्कृति व परंपरा को हमें संरक्षित करना है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 30 दिसंबर को यहां आ रही हैं. समिति के अध्यक्ष सह पूर्व विधायक शिवशंकर उरांव ने कहा बाबा कार्तिक उरांव का सपना था. झारखंड, छत्तीसगढ़ व ओड़िशा के सीमावर्ती इलाका में जनजातीय समुदाय के लिए एक विश्वविद्यालय का निर्माण हो. उस सपने को पूरा करने के लिए लगातार 15 वर्षों से शंख मोड़ मांझाटोली बैरियर बगीचा में जनजातीय सांस्कृतिक समागम कार्तिक जतरा का आयोजन किया जा रहा है. मौके पर प्रोफेसर देवेंद्र शर्मा, पंकज सोनी, चिनमय साहू, पूर्व आइजी राज कुमार लकड़ा, विंदेश्वर उरांव, जग नारायण सिंह, मांगू उरांव, डॉ लक्ष्मण उरांव, जोगेंद्र सिंह, पुनीत लाल, देवेंद्र लाल उरांव, अनिरुद्ध सिंह, गोपाल प्रताप सिंह, अशरफ राय लालो, जगेश्वर सिंह, मुखिया चुइयां कुजूर, हीरा प्रसाद, करमपाल सिंह, देवतु उरांव, बिशु सोरेंग, रामप्रसाद साहू, उमेश प्रधान, संतन कुमार भगत, मनोज भगत, परमेश्वर भगत, गोविंद राम रजक, शंकर पांडेय आदि मौजूद थे.
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