डुमरी. डुमरी प्रखंड अंतर्गत करनी पंचायत के पकरीटोली गांव में बहने वाला पुराना नाला टूटने से गांव के किसानों की आजीविका संकट में पड़ गया है. उक्त नाला गांव के किसानों के लिए सिंचाई का प्रमुख साधन था. नाला से होकर बहने वाले पानी का उपयोग किसान खेती-बारी में करते हैं. लेकिन लगभग पांच साल पहले नाला टूटने के बाद किसान आसपास के एकड़ों-एकड़ भूमि पर खेती नहीं कर पा रहे हैं. गांव के किसान बीते पांच सालों से इस समस्या से जूझ रहे हैं. हालांकि किसानों द्वारा नाला टूटने की समस्या से प्रशासन को अवगत कराया गया था. लेकिन प्रशासन द्वारा किसानों की समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया. नतीजा बीते पांच सालों से खेती-बारी का काम प्रभावित है और किसान रोजगार की तलाश में इधर-उधर भटकने को विवश हैं. बताते चले कि गांव के किसानों की आजीविका का मुख्य साधन कृषि है. गांव में किसान सबसे अधिक धान की खेती करते हैं. लेकिन नाला टूटने के बाद से खेती पूरी तरह से प्रभावित है. प्रशासनिक स्तर पर समस्या समाधान नहीं होने के बाद गांव के लोगों ने प्रखंड कांग्रेस उपाध्यक्ष प्रदीप मिंज को आवेदन देकर नाला की मरम्मत करवाने की गुहार लगायी है, ताकि गांव में खेती-बारी का काम फिर से शुरू हो सके. गांव के बसिया खलखो, संतोष एक्का, पावल उरांव, आनंद कुजूर, विजय लकड़ा, रूबेन टोप्पो, दिलीप कुजूर, किशोर लकड़ा आदि किसानों ने बताया कि पहले नाला के पानी से कई किसानों के खेतों की सिंचाई होती थी. फसलें समय पर तैयार होती थी और गांव की अर्थव्यवस्था मजबूत थी. लेकिन जबसे नाला टूटा है. खेतों में सिंचाई नहीं हो पा रही है. धीरे-धीरे मिट्टी की उपजाऊ शक्ति घट गयी है और जमीन बंजर होने लगी है. पानी की व्यवस्था नहीं होने व बरसात में पूरा खेत पानी से भरने से खेती बंद करनी पड़ी. पूरे खेत में पत्थर, बालू व गिट्टियां भर गयी हैं. इससे किसान परिवारों को मजदूरी कर गुजर-बसर करनी पड़ रही है. प्रशासन वादा कर भूल गया : किसानों ने बताया कि इस समस्या से अनेकों बार प्रशासन को अवगत कराया गया है और नाला की मरम्मत कराने की मांग की गयी है. लेकिन आज तक प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. किसानों ने दुखी मन से कहा नाला टूटे पांच साल हो गये. प्रशासन के लोग वादा करते हैं कि जल्द मरम्मत होगी. लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ. प्रशासन का वादा अब तक सिर्फ एक वादा बना हुआ है. प्रशासन वादा कर भूल गया है और खेती ठप हो गयी है. घर में खाने तक के लाले पड़े हैं. किसानों का कहना है कि यदि नाला की मरम्मत जल्द नहीं करायी गयी, तो हालात और बिगड़ जायेंगे. गांव के लोग मजबूरी में गांव से पलायन करेंगे.
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