गुमला : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिला इकाई द्वारा संवेदना 2016 चलो परिसर से परिवार की ओर के तहत दर्जनों गांवों का सर्वे किया गया. ज्ञात हो कि अभाविप द्वारा संपूर्ण देश में सामाजिक सर्वेक्षण का अभियान चलाया जा रहा है.
इसी निमित झारखंड में 12 से 20 मई तक अभियान चलाया गया. अभियान में कॉलेज के छात्रों को एक सप्ताह तक गांवों में रह कर गांव की समस्याओं का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार करना था. जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, जल संकट, नशाखोरी, नक्सलवाद, बेरोजगारी, अंधविश्वास, बिजली की समस्या, गरीबी, घुसपैठ व सरकारी योजनाओं की गांवों में स्थिति आदि पर सर्वे किया गया. अभाविप के संगठन मंत्री सुजीत वर्मा के नेतृत्व में पालकोट प्रखंड के बघिमा, पालकोट, सेमरा, देवगांव,पोजेंगा, तपकारा, ओरेया, सोलगा, जलडेगा, कसीरा, तेतरटोली, ङिाकिरमा, दमकारा, कुर्रा व डहुपानी आदि गांवों एवं टोलों का सर्वेक्षण किया गया. सर्वे के दौरान पाया गया कि सभी गांव में पेयजल, नशाखोरी, बिजली एवं शौचालय की समस्या लगभग समान थी.
कई गांवों में सभी जलकूप सूख गये थे. पेयजल की बहुत गंभीर समस्या थी. गांवों में दूसरी सबसे बड़ी समस्या नशाखोरी थी. प्रत्येक गांव के आधे से अधिक युवा नशा की चपेट में पाये गये. लगभग हर गांव में हड़िया बनता है. वहीं स्वास्थ्य, शिक्षा व सड़क की बहुत ही बड़ी समस्या पायी गयी. मौके पर मुकेश उरांव, महेश भगत, सुरेंद्र उरांव, जयराम उरांव, शनिचर उरांव, प्रकाश उरांव, जितेंद्र उरांव व श्याम सिंह सहित कई सदस्य शामिल थे.