– कार्तिक उरांव की जयंती मनायी गयी
– सरना धरम महासम्मेलन में जमा हुए हजारों सरना धर्मावलंबी
– सरना धरम के कई अगुवा भी हुए शामिल
गुमला : आज का दिन आदिवासी–मूलवासी के लिए काफी शुभ दिन है. आज के ही दिन कार्तिक उरांव का जन्म हुआ था. वर्तमान में भले ही वे हमारे साथ नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें और उनके कर्म हमारे साथ हैं. देश के सभी आदिवासियों को स्व कार्तिक उरांव के पद चिह्न् पर चलने की जरूरत है.
उक्त्त बातें सरना धरम समाज के धरम गुरु बंधन तिग्गा ने सरना प्रार्थना सभा गुमला द्वारा मंगलवार को पालकोट रोड स्थित पुरना लकड़ी डीपो में आयोजित सरना धरम महासम्मेलन में उपस्थित हजारों सरना धर्मावलंबियों को संबोधित करते हुए कही. धरम गुरु ने कहा कि कार्तिक उरांव को याद कर हम धन्य हो जाते हैं.
यह हमारे के लिए काफी सुखद बात है कि हम लोगों को उनकी जयंती मनाने का अवसर मिलता है. उन्होंने कार्तिक उरांव की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे प्राय: समाज के बारे में चिंतन करते रहते थे. वे समाज के मसीहा थे. उनके बाद आज तक आदिवासियों मूलवासियों के लिए किसी ने कोई आवाज नहीं उठायी.
आज से 30 वर्ष पूर्व उन्होंने आदिवासी हित के लिए जो मुद्दा उठाया था. उसी मुद्दे को आगामी माह 25 दिसंबर को रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में उठाया जायेगा. 25 दिसंबर को विशाल रैली का आयोजन किया गया है. जिसमें हजारों–हजार की संख्या में समाज के लोग भाग लेंगे.