– दोषियों पर नियम सम्मत कार्रवाई का आश्वासन
जारी (गुमला) : जारी प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों का हाल बेहाल है. केंद्र संचालित योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है. साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की स्थिति संतोष जनक नहीं है.
इसका मुख्य कारण यह है कि प्रखंड मुख्यालय में बाल विकास योजना का कार्यालय का नहीं होना. न ही इस क्षेत्र में कोई अधिकारी ही निरीक्षण करते हैं. प्रखंड प्रमुख लिली कुजूर व सिकरी पंचायत की मुखिया जोर्ज उरांव ने संयुक्त रुप से सोमवार को क्षेत्र का भ्रमण किया. इस दौरान कई आंगनबाड़ी केंद्रों में ताला लटके हुए थे. कुंडी आंगनबाड़ी केंद्र में 11 बजे तक बंद पाया गया.
इस पर मुखिया ने कहा कि मेरा आवास इसी गांव में है. केंद्र बंद रहने की शिकायत कई बार सीडीपीओ को दिया गया है. मगर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. ग्रामीणों के साथ गाव में बैठक कर के सेविका पुष्पा खलखो व सहायिका अनिमा खलखो को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया था.
बारडीह आंगनबाड़ी केंद्र भी साढ़े 11 बजे तक बंद पाया गया. ग्रामीणों ने जानकारी दी कि सेविका कुसुम एक्का मनमाने तरीके से केंद्र का संचालन करती हैं. कटींबा आंगनबाड़ी केंद्र का भी हाल ऐसा ही था. सेविका एमलदा तिर्की की खोजबीन की गयी पर वह नहीं थी. टाकर टोली आंगन केंद्र में भी ताला लटका हुआ था. वहां भी ग्रामीणों ने जानकारी दी कि सेविका सुषमा मिंज गांव में नहीं रहती है.
कभी कभार आती है और चली जाती है. इस संदर्भ में प्रभारी सीडीपीओ सह सीओ डुमरी को जानकारी दी गयी. उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों का बंद पाया जाना गंभीर बात है. मैं क्षेत्र का भ्रमण कर जानकारी लूंगी. अगर मामला सही हुआ तो सेविका व सहायिका के खिलाफ नियम सम्मत कार्रवाई की जायेगी.