गुमला : सरना धरम के धरम गुरु बंधन तिग्गा ने कहा है कि झारखंड राज्य अलग हुए 13 वर्ष गुजर चुका है. इन 13 वर्षो में राज्य के जितने भी मुख्यमंत्री हुए, वे सभी आदिवासी समाज के थे.
किसी भी मुख्यमंत्री ने आदिवासियों के हित के लिए कुछ नहीं किया. स्व कार्तिक उरांव का सपना था कि आदिवासी समाज का विकास हो, लेकिन उनका सपना अभी तक सिर्फ सपना ही बना हुआ है. इस दौरान राज्य में जितने भी मुख्यमंत्री हुए वे आदिवासी–मूलवासी का विकास तो नहीं कर सकें, लेकिन अपना खुद का विकास जरूर कर लिये. यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात है आदिवासी मंत्री अपने शासनकाल के दौरान सभी भ्रष्टाचार में ही लिप्त रहे हैं.
अब हम एक साथ मिल कर अपने विकास के लिए स्थानीयता की लड़ाई लड़ेंगे. अब समाज के लोग उसी का समर्थन करेंगे, जो आदिवासी–मूलवासी हित की बात करेगा. मौके पर जब धरम गुरु से यह पूछा गया कि क्या आप अपने समाज के लोगों के विकास के लिए राजनीति में आना चाहेंगे? क्या आप चुनाव लड़ेंगे? इस पर धरम गुरु ने कहा कि मुङो राजनीति में कोई रुचि नहीं है, लेकिन जो सरकार आदिवासी–मूलवासी हित की बात करेगी, समाज चुनाव में उसी का समर्थन करेगा.