घाघरा (गुमला) : घाघरा प्रखंड में गुरुवार की रात को हुई बारिश व ओलावृष्टि से भारी नुकसान व तबाही हुई है. धान की बाली झड़ गयी. 120 गांवों में खरीफ फसल व सब्जी बरबाद हो गयी. सैकड़ों पशु-पक्षियों की मौत हो गयी.
कई घर व पेड़ गिर गये. प्रशासन के लाेगाें ने कई गांवाें में जाकर नुकसान का जायजा लिया है. सीआे के अनुसार 50 से 55 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है. क्षति का समग्र आकलन किया जा रहा है.
सड़क जाम, ब्लॉक में हंगामा : मुआवजे की मांग को लेकर शुक्रवार की सुबह छह बजे इटकीरी गांव के समीप किसानों ने सड़क जाम कर दी. रांची व नेतरहाट का मार्ग जाम हो गया. दिन के 11.30 बजे बीडीओ, सीओ व थानेदार के समझाने के बाद लोग सड़क से हटे. इसके बाद आदर गांव के समीप लोगों ने पुन: राेड जाम किया. सैकड़ों किसान ब्लॉक कार्यालय पहुंचे, जहां मुआवजे की मांग को लेकर हंगामा किया. प्रखंड के अधिकारी दिनभर किसानों से घिरे रहे.
बीडीओ व सीओ को पैदल घुमाया : इटकीरी में सड़क जाम की सूचना पर बीडीओ शशि नीमिला डुंगडुंग, सीओ समीर कच्छप व थानेदार राजेंद्र
नायक पहुंचे.
गुस्साये किसान अधिकारियों को अपने खेत दिखाने ले गये. अधिकारी पैदल ही पगडंडी से होकर 50 से अधिक खेतों का जायजा लिया. कई किसान रोने लगे. महिलाओं को रोते देख बीडीओ ने उन्हें ढाढस बंधाया. कहा, मुआवजा मिलेगा.
30 हजार हेक्टेयर खेत में फसल बरबाद : घाघरा प्रखंड में कुल 34 हजार 131 हेक्टेयर खेत कृषि योग्य है. प्रशासन के मुताबिक इस वर्ष 30 हजार हेक्टेयर से अधिक कृषि योग्य भूमि पर खरीफ फसल की खेती की गयी है. शुरू में अच्छी बारिश के बाद किसानों ने एक, दो व तीन नंबर खेत में फसल लगाये थे. लेकिन ओलावृष्टि से पूरा फसल बरबाद हो गया.
कोट
घाघरा ब्लॉक में खरीफ फसल के साथ सब्जी तक बरबाद हो गया. करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है. सरकार काे रिपोर्ट भेजी जायेगी.
डॉ संजय पांडेय, वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र
प्रखंड प्रशासन से जो रिपोर्ट आयेगी, उसके अनुसार सरकार को मुआवजे के लिए रिपोर्ट भेजी जायेगी. अब तक की सूचना के अनुसार करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है.
अनिल कुमार सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी
बीडीओ, सीओ ने जायजा िलया
बीडीओ व सीओ ने कहा कि ओलावृष्टि से भारी तबाही हुई है. सभी गांवाें में कर्मचारियों के माध्यम से सर्वे कराया जायेगा. जिन किसानों का नुकसान हुआ है, वे अपने खेत के पास खड़े होकर फोटो खींचवा कर जमा करें, ताकि उचित मुआवजा दिया जा सके.