यक्ष्मा रोगियों काे प्रशिक्षण रायडीह. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में शुक्रवार को यक्ष्मा रोगियो का एक दिनी प्रशिक्षण डॉट्स प्रणाली के तहत हुआ. मुख्य अतिथि जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ हेमंत कुमार ने कहा कि यक्ष्मा बीमारी घातक व संक्रामक है. यक्ष्मा रोगियों को रोग मुक्त होने तक डॉट्स प्रोवाइडर व चिकित्सक के संपर्क में होना आवश्यक है. यक्ष्मा मरीजों को दूसरे के संक्रमण से बचने के लिए खांसने, छींकने व थूकने के समय सावधानी बरतनी चाहिए. यक्ष्मा रोगियों के घरो में रहनेवाले सभी सदस्यों को शीघ्र अपना बलगम जांच कराना चाहिए. चूंकि यक्ष्मा का उपचार छह माह तक चलता है. यदि कोई मरीज बीच में दवा छोड़ने व छोड़-छोड़ कर दवा का सेवन करने एवं दवा के साथ शराब का सेवन करने से यह खतरनाक टीबी का रूप ले लेती है. जिसे एमडीआरटीवीबी कहा जाता है. जिसमें उपचार कठिन हो जाता है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आशुतोष तिग्गा ने कहा कि आप इससे शीघ्र स्वस्थ हो. साथ ही दूसरे पीड़ित व्यक्ति को इसकी जानकरी देकर स्वस्थ होने में सहयोग करें. मौके पर कृष्णा राउत, व्यतोर एक्का, निर्मला टोप्पो, सुधांशु मिश्रा, पवन कुमार, उदय प्रताप ओहदार, मुकेश कुमार सिंह, संजय प्रियदर्शी, नरेंद्र कुमार सहित यक्ष्मा मरीज मौजूद थे.
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यक्ष्मा रोगियों को प्रशिक्षण
यक्ष्मा रोगियों काे प्रशिक्षण रायडीह. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में शुक्रवार को यक्ष्मा रोगियो का एक दिनी प्रशिक्षण डॉट्स प्रणाली के तहत हुआ. मुख्य अतिथि जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ हेमंत कुमार ने कहा कि यक्ष्मा बीमारी घातक व संक्रामक है. यक्ष्मा रोगियों को रोग मुक्त होने तक डॉट्स प्रोवाइडर व चिकित्सक के संपर्क में होना […]
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