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बीमार कैदी कैसे जाये अस्पताल
गुमला : गुमला जेल से सदर अस्पताल इलाज के लिए लाये जानेवाले मरीजों के साथ जेल प्रशासन क्रूर व्यवहार करता है. ऐसा ही एक नजारा बुधवार को अस्पताल में देखने को मिला. विचाराधीन कैदी उज्जवल कुमार बीमार है. शारीरिक रूप से वह बहुत ही कमजोर हो गया है. वह चलने-फिरने में असमर्थ है. उसे गुमला […]
गुमला : गुमला जेल से सदर अस्पताल इलाज के लिए लाये जानेवाले मरीजों के साथ जेल प्रशासन क्रूर व्यवहार करता है. ऐसा ही एक नजारा बुधवार को अस्पताल में देखने को मिला. विचाराधीन कैदी उज्जवल कुमार बीमार है. शारीरिक रूप से वह बहुत ही कमजोर हो गया है.
वह चलने-फिरने में असमर्थ है. उसे गुमला पुलिस की गाड़ी के पीछे ठूंस कर इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया. अस्पताल लाने के बाद आधा घंटे तक कैदी गाड़ी में ही कराहता रहा.
लेकिन उसे उतारने को कोई तैयार नहीं था. अंत में एक कर्मचारी आया तो उसे किसी प्रकार गाड़ी से उतार कर इलाज के लिए अस्पताल के अंदर ले जाया गया. जिस स्थिति में उसे जेल से अस्पताल तक लाया गया. अगर मरीज ज्यादा देर तक गाड़ी में रहता, तो उसकी मौत भी हो सकती थी. क्योंकि गाड़ी के पीछे के दो सीटों के बीच में उसे नीचे बैठा दिया गया था और उसे संभालने के लिए एक अन्य मजदूर को पीछे सीट में बैठाया गया.
जेल के अधिकारियों से बात करने पर पता चला कि कैदी बीमार था. जेल का एंबुलेंस एक महीने से खराब है. उसे बनने के लिए भेजा गया है. इस कारण चंदाली पुलिस लाइन से गाड़ी मंगा कर कैदी को इलाज के लिए भेजा गया था.
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