दुर्जय पासवान, गुमला
गुमला चैंबर ऑफ कामर्स ने फूड सेफ्टी एक्ट के तहत होने वाले ट्रेनिंग का विरोध किया है. चैंबर ने तर्क दिया है कि प्रशासन प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रहा है. परंतु उस प्रशिक्षण के लिए व्यापारियों को पैसा देना पड़ेगा. यह कहां का न्याय है. प्रशिक्षण नि:शुल्क होता है न कि पैसा लेकर दिया जाता है.
इस मामले को लेकर चैंबर ऑफ कॉमर्स के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष महेश कुमार लाल, गुमला अध्यक्ष हिमांशु केशरी, सचिव राजेश कुमार गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष सरजू प्रसाद साहू ने फूड पदाधिकारी से मुलाकात कर प्रशिक्षण की जानकारी ली.
फूड पदाधिकारी ने कहा कि दुकान चलाना है तो प्रशिक्षण लेना होगा और इस प्रशिक्षण के लिए निर्धारित राशि भी देनी होगी. जिसका चेंबर ने विरोध करते हुए कहा है कि ऐसे में गुमला के कोई व्यापारी प्रशिक्षण नहीं लेंगे. यह जबरन दबाव बनाना है.
चेंबर अध्यक्ष हिमांशु ने कहा कि फूड सेफ्टी एक्ट के तहत ट्रेनिंग लेने के संबंध में प्रति व्यापारी को बेसिक कोर्स के लिए छह सौ रुपये व एडवांस कोर्स के लिए आठ सौ रुपये भुगतान करना है. जिसके संदर्भ में खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी से बात की गयी है.
चेंबर ने पैसा देकर ट्रेंनिग करने का विरोध किया है. इधर, गुमला एसडीओ ने गुमला के सभी व्यापारियों को पत्र लिखकर प्रशिक्षण में शामिल होने के लिए कहा है. एसडीओ ने अपने पत्र में कहा है कि 16 जनवरी को दिन के 11 बजे से नगर भवन में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. जिसमें 40 से 50 खाद्य कारोबारियों को ट्रेनिंग देनी है. एसडीओ ने यह भी कहा है कि जांच के दौरान ट्रेनिंग प्रमाण पत्र नहीं होने पर विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी.