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जिले में बारिश कम, सुखाड़ के आसार

गुमला : भगवान इंद्र रूठ गये हैं. बारिश कम हो रही है. इससे किसान चिंता में है. बारिश नहीं होने से खेती पर असर पड़ रहा है. अब तक बारिश की जो स्थिति है. इससे गुमला जिला सुखाड़ की ओर बढ़ रहा है. अगर एक सप्ताह के अंदर बारिश नहीं होती है, तो सुखाड़ होने […]

गुमला : भगवान इंद्र रूठ गये हैं. बारिश कम हो रही है. इससे किसान चिंता में है. बारिश नहीं होने से खेती पर असर पड़ रहा है. अब तक बारिश की जो स्थिति है. इससे गुमला जिला सुखाड़ की ओर बढ़ रहा है. अगर एक सप्ताह के अंदर बारिश नहीं होती है, तो सुखाड़ होने से कोई नहीं रोक सकता है. वर्ष 2013 में भी बारिश कम हुई थी.

जिले को सुखाड़ घोषित किया गया था. यह दूसरा वर्ष होगा. जब सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. इस बात को कृषि विभाग के अधिकारी व कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक भी मान रहे हैं. हालांकि सुखाड़ से निबटने के लिए विभाग द्वारा जहां-जहां जलस्नेत हैं, वहां खेती पर जोर दिया जा रहा है. कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर संजय कुमार ने कहा कि इस वर्ष मॉनसून कमजोर होने के कारण बारिश कम हुई है.

ऐसे में किसान टांड़ जमीन में धान, मक्का, अरहर, उरद व सब्जी की खेती करें. क्योंकि सामान्य से कम 58.06 प्रतिशत बारिश हुई है. अभी बारिश नहीं हो रही है. इसलिए किसान बारिश होने पर इस बात का ध्यान रखें कि खेत में मेढ़बंदी कर पानी को खेत में जमा करें और उक्त पानी का उपयोग फसल की रोपनी में करें. अभी ऐसा समय आ गया है कि वर्षा के हर एक बूंद का उपयोग करने की जरूरत है.

मात्र आठ प्रतिशत धान रोपनी हुई : डॉ सुभाष: जिला कृषि पदाधिकारी डॉक्टर सुभाष सिंह ने कहा कि बारिश कम हुई है. अभी तक 60 प्रतिशत धान रोपनी हो जाती थी. मात्र सात से आठ प्रतिशत ही धान रोपनी हुई है. 188 हजार हेक्टेयर भूमि में धान रोपनी का लक्ष्य रखा गया है. लेकिन अभी तक आठ प्रतिशत भूमि में ही फसल लगाया गया है. बारिश की स्थिति को देखते हुए अब श्रीविधि से धान की खेती कराने का प्रयास किया जा रहा है.

बिचड़ा नहीं हुआ तैयार : अभी तक बिचड़ा तैयार हो जाता था और किसान धान की रोपनी शुरू कर देते थे. लेकिन अभी तक बिचड़ा ही तैयार नहीं हुआ है. कुछ इलाकों में किसानों ने जलस्नेत के समीप बिचड़ा लगाया है. लेकिन बारिश नहीं होने से वह भी मरने की स्थिति में है.

जरूरत आठ हजार क्विंटल धान बीज की: गुमला जिले के लिए कृषि विभाग द्वारा आठ हजार क्विंटल धान बीज की मांग की गयी थी. जिससे बारिश होने पर किसानों को अनुदानित दर पर बीज उपलब्ध करा कर अच्छी खेती करा सके. लेकिन जिले को मात्र तीन हजार क्विंटल धान बीज मिला है. वहीं 50 क्विंटल उरद की मांग की गयी, जो अभी तक नहीं मिला है.

सुखाड़ घोषित करने की मांग करेंगे : विधायक: विधायक कमलेश उरांव ने कहा कि गुमला जिले में बारिश बहुत कम हुई है. इससे यहां के किसान चिंता में हैं. सरकार से मांग करेंगे कि गुमला जिला को सुखाड़ घोषित कर किसानों के लिए विशेष पैकेज दिया जाये. क्योंकि अगर समय रहते किसानों को सुविधा नहीं पहुंचाया गया, तो जिले से पलायन शुरू हो जायेगा.

विशेष पैकेज की मांग करेंगे भूषण: पूर्व विधायक सह झामुमो जिला अध्यक्ष भूषण तिर्की ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिल कर गुमला जिले के लिए विशेष पैकेज की मांग करेंगे. क्योंकि बारिश कम होने से किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं. किसानों के समक्ष भूखों मरने की स्थिति उत्पन्न हो उससे पहले गुमला को सुखाड़ घोषित कर किसानों के लिए योजना चलाने की मांग की जायेगी. वर्ष 2013 में भी सुखाड़ पड़ा था. इस बार भी वही स्थिति है.

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