मो इम्तियाज ने बताया कि उसके भाई मोहम्मद सागीर को बुखार था. उन्हें इलाज के लिए गत छह सितंबर को पूर्वाह्न 10.30 बजे सदर अस्पताल ले गये, जहां जांच के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कर लिया गया. इस दौरान मो सागीर को तीन बोतल पानी चढ़ा, परंतु इस बीच कोई भी चिकित्सक अथवा नर्स सागीर को देखने तक नहीं आये. मां शकीला खातून सागीर की देखरेख कर रही थी. इसके दूसरे दिन सात सितंबर को सागीर तड़पने लगा. इस पर मां शकीला खातून ने ड्यूटी कर रही नर्सों से सागीर को देखने के लिए कहा, लेकिन नर्सों ने सागीर को नहीं देखा. कोई चिकित्सक भी सागीर को देखने नहीं पहुंचे.
करीब आधा घंटा तक तड़पने के बाद सागीर की मौत हो गयी. अस्पताल प्रबंधन व चिकित्सक की लापरवाही के कारण सागीर की मौत हुई है. ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि आगे और किसी की जान न जाये.