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बच्चे को जन्म दे इलाज के अभाव में मरी मां, ग्रामीणों ने कहा बच्चे में मां का भूत, रात भर शव के पास छोड़ा नवजात को
दुर्जय पासवान गुमला : बच्चे को जन्म देने के बाद इलाज के अभाव में मां की मौत हो गयी. जन्म के बाद बच्चे की नाक से खून निकलने लगा, तो ग्रामीणों ने कहा : मां की आत्मा भूत बन कर बेटे में समा गयी है. इसलिए बच्चे की नाक से खून निकल रहा है और […]
दुर्जय पासवान
गुमला : बच्चे को जन्म देने के बाद इलाज के अभाव में मां की मौत हो गयी. जन्म के बाद बच्चे की नाक से खून निकलने लगा, तो ग्रामीणों ने कहा : मां की आत्मा भूत बन कर बेटे में समा गयी है. इसलिए बच्चे की नाक से खून निकल रहा है और डर से ग्रामीणों ने बच्चे को गोद नहीं लिया. रात भर नवजात अपनी मां के शव के बगल में पड़ा रहा. यह मामला सिसई प्रखंड के मुरगू करंजटोली गांव की है.
गुरुवार दोपहर जिला परिषद अध्यक्ष किरणमाला बाड़ा को मामले की जानकारी हुई, तो वह गांव पहुंची. मां के शव के पास पड़े नवजात को गोद लिया और उसे सदर अस्पताल गुमला में भरती कराया. जहां बच्चे की स्थिति गंभीर बतायी जा रही है. बच्चे काे एसएनसीयू में भरती किया गया है. मुरगू व नागफेनी में स्वास्थ्य सुविधा भगवान भरोसे है. गांव में कई लोग मलेरिया से पीड़ित हैं. नागफेनी में करोड़ों की लागत से बना अस्पताल अब तक शुरू नहीं हो पाया है.
िससई : स्पीकर का गांव है मुरगू करंजटोली
जन्म के बाद नवजात के नाक से खून निकलने लगा
नवजात जमीन पर ही पड़ा रोता रहा ग्रामीणों ने डर से नहीं लिया गोद
जिप अध्यक्ष ने नवजात को अस्पताल में भरती कराया
मृतका का पति व पुत्र भी गंभीर
रूप से बीमार
बच्चे की स्थिति
नाजुक है. उसे एसएनसीयू में रखा गया है. अभी कुछ नहीं कहा जा
सकता है. बच्चे का पूरा
शरीर ठंडा हो गया है.
डॉ अजय भगत, शिशु रोग विशेषज्ञ
जिस गांव में यह घटना घटी है, वह स्पीकर दिनेश उरांव का गांव है. इसके बावजूद गांव में स्वास्थ्य सुविधा नहीं है. अंधविश्वास में भी लोग फंसे हैं. अगर समय पर इलाज की व्यवस्था होती, तो झालो की जान बच सकती थी.
किरण माला बाड़ा, अध्यक्ष, जिला परिषद, गुमला
अंधविश्वास में फंसे ग्रामीण
गांव के शनिचरवा उरांव की पत्नी झालो उरांइन गर्भवती थी. बुधवार रात सात बजे उसने घर में ही पुत्र को जन्म दिया. बच्चे के जन्म लेने के दो घंटे बाद झालो की मौत हो गयी. वहीं, नवजात के नाक से खून निकलने लगा. वहीं, पति शनिचरवा उरांव व उसका दो साल का बेटा आशीष मलेरिया के कारण बीमार होने से बिस्तर से उठ नहीं पा रहे हैं.
गांव के कुछ लोग बुधवार रात मृत झालो को देखने पहुंचे. उन्होंने जब नवजात के नाक से खून निकलता देखा, तो भूत के डर से भयवश चले गये. गुरुवार को ग्रामीणों ने झालो का अंतिम संस्कार किया. वहीं, मृत नवजात आंगन में रोता रहा. पर उसे किसी ने छुआ तक नहीं. कुछ लोगों ने इसकी सूचना जिला परिषद अध्यक्ष को दी.
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