बांग्ला सावन माह के अंतिम दिन से भादो महीने के अंतिम दिन तक चलने वाली मां मनसा देवी की पूजा शुक्रवार से पोड़ैयाहाट प्रखंड के सकरी फुलवार गांव के महुआटांड टोला में पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ प्रारंभ हुई. पूजा का आयोजन पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ किया गया. मां मनसा को विष से रक्षा करने वाली देवी माना जाता है. मान्यता है कि इनकी पूजा करने से परिवार सर्प, बिच्छू और अन्य विषैले जीव-जंतुओं से सुरक्षित रहता है. श्रद्धालुओं की मां मनसा में गहरी आस्था है और इसे विषहरी पूजा भी कहा जाता है. परंपरा के अनुसार प्रत्येक परिवार से एक व्यक्ति निर्जला व्रत रखकर पूजा करता है और पूजन के उपरांत ही जल ग्रहण करता है. जिन गांवों में मंदिर नहीं हैं, वहां कलश या मूर्ति स्थापित कर पूजा की जाती है. पूजा दो पद्धतियों में होती है-सामिष और आमिष. सामिष पूजा में बिना बलि के पूजा की जाती है, जबकि आमिष पूजा में बकरे या भेड़ की बलि दी जाती है और प्रसाद स्वरूप उसका मांस वितरित किया जाता है. इस अवसर पर प्रखंड के विभिन्न गांवों में श्रद्धालुओं द्वारा धार्मिक अनुष्ठान, भजन-कीर्तन और पारंपरिक रीति से मां की आराधना की जा रही है. आगामी एक माह तक यह पूजा लगातार चलेगी, जिसमें पूरे क्षेत्र में श्रद्धा, आस्था और उत्साह का माहौल बना रहेगा.
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