ठाकुरगंगटी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बनियाडीह पंचायत के पंचायत भवन में प्रभात खबर की ओर से महिला संवाद का आयोजन किया गया. जेएसपीएलएस महिला एसएचजी से जुड़ी महिलाओं के बीच आयोजित संवाद की अध्यक्षता सीआरपी रेखा देवी ने किया. संवाद का विषय ‘महिला हर क्षेत्र में कर सकती है बेहतर, पुरुषों की बराबरी’ पर बातें रखी. उपस्थित महिलाओं ने कहा कि महिलाओं को आर्थिक आजादी मिलेगी, तभी महिलाएं पुरुषों की बराबरी कर सकेंगी. इस दौरान रेखा देवी, गुड़िया देवी, अमृता कुमारी, दुर्गा कुमारी, रिंकू देवी, अंजू देवी, ब्यूटी देवी, कंचन कुमारी, सुषमा देवी, शोभा देवी, पुतुल देवी सहित अन्य महिलाएं उपस्थित थी. संचालन प्रतिनिधि पवन कुमार सिंह ने किया.
किसने क्या कहा
महिलाओं पर घर की पूरी जबावदेही रहती है. पुरुषों को महिलाओं की तुलना में काम कम है, मगर आज इस मामले में सरकार केवल अपनी बातें रखती है. ठोस पहल नहीं कर रही है.-रेखा देवी
महिलाओं को आर्थिक रूप से सुरक्षित रखने पर वह भी अपनी सारी शक्ति अपने उद्यम व व्यवसाय में लगा सकती है. महिलाओं के पास अपने परिवार के विकास की चिंता सबसे ज्यादा है.-गुड़िया देवी
अक्सर देखा जाता है कि महिलाओं को सरकारी योजनाओं में जोड़ने के पहले कई तरह की बातों को सोचना पड़ता है. अगर ऐसे मामले में महिलाओं को जोड़ा जाये तो विकास होगा.-अमृता कुमारी
विकास की बात सरकार करती है, मगर सतह पर उतारने से पहले ध्यान नहीं दिया जाता है. अगर महिला सरकारी योजनाओं को करती है, तो गड़बड़ी की संभावना भी कम होती है.-दुर्गा देवी
महिला को ऊपर उठाने के लिए सरकार की ओर से सबसे पहले रूट स्तर पर काम करने की जरूरत है. जब तक महिलाओं को उत्तरदायी नहीं बनाया जाता है, तब तक प्रगति संभव नहीं है.-रिकुं देवी
पहले सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप से सबल बनाये. उनकी सबलता के साथ ही समाज में सबलता आएगी. महिलाएं अपने लक्ष्य को साथ लेकर काम करती है और पुरुषों को आगे बढ़ाती है.-ब्यूटी, कुमारी
महिलाओं को आगे बढ़ाने की जरूरत है, ताकि समाज में काम करने वाली महिलाओं के पास आर्थिक संपन्नता आये. आर्थिक विकास के लिए महिलाओं को आर्थिक रूप से सबल बनाया जाये.-कंचन कुमारी
महिलाओं को हर तरह से सहयोग की जरूरत है. काम में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके बावजूद हार नहीं मानती है. परेशानी को महिला आराम से पीछे छोड़ती है.– सुषमा कुमारी
महिलाओं को हर दिन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. जब भी आप महिलाओं को दायित्व सौंपते हैं, तो आपके पास रिजल्ट सकारात्मक रहता है. समस्या के लिए स्वयं समाधान खोजना पड़ता है.– शोभा कुमारी
जब तक समाज के लोगों को महिलाओं के प्रति सकारात्मक सोच नहीं होगा, महिलाओं को विकसित कर पाने की संभावना कम रहेगी. महिला आज भी अपने कार्यों में सक्षम है, पहले भी थी.– पुतुल कुमारीB
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